क्रिकेट पर फिर से लगा दाग, भारत के पड़ोसी देश की लीग में मैच फिक्सिंग; 10 खिलाड़ी और 4 टीमें...
Match Fixing In BPL 2025: हाल ही में क्रिकेट में मैच फिक्सिंग का मामला सामने आया है, यह मामला भारत के पड़ोसी देश की लीग से आया है. जिसमें 4 टीमों के 10 खिलाड़ियों के नाम सामने आ रहे हैं.

Match Fixing In Bangladesh Premier League 2025: क्रिकेट एक बार फिर मैच फिक्सिंग के मामले में दागदार हुआ है. इस बार बांग्लादेश प्रीमियर लीग में मैच फिक्सिंग का मामला सामने आया है. इस टूर्नामेंट में 10 खिलाड़ियों और 4 फ्रेंचाइजियों पर फिक्सिंग के आरोप लगे हैं. बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड की एंटी-करप्शन यूनिट ने 8 मैचों की जांच शुरू कर दी है. बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष फारूक अहमद ने शुक्रवार को कहा कि अगर कोई खिलाड़ी गलत काम में शामिल पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
फारूक अहमद ने की सख्त सजा की बात
फारूक अहमद ने क्रिकबज से बात करते हुए कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, वह इस बारे में कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं कर सकते क्योंकि उन्हें एक प्रोटोकॉल का पालन करना होता है. टूर्नामेंट के दौरान होने वाली सभी घटनाओं को नोट किया जाता है और बाद में जांच की जाती है.
उन्होंने आगे कहा कि अगर जांच में कुछ सामने आता है, तो सजा बहुत कड़ी होगी, और अगर उन्हें कुछ पता चलता है, तो उस व्यक्ति का जीवन पूरी तरह बदल जाएगा, क्योंकि वह किसी दोषी को नहीं छोड़ेंगे. फैसला एक बार और हमेशा के लिए लिया जाएगा, और यह एक उदाहरण बनेगा.
कौन-कौन हैं शक के घेरे में?
द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन 10 खिलाड़ियों पर जांच हो रही है, उनमें से 6 बांग्लादेश के राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं, 2 अनकैप्ड खिलाड़ी और 2 विदेशी खिलाड़ी हैं. शक में आई टीमों में शामिल हैं:
- दुर्बार राजशाही
- ढाका कैपिटल्स
- सिलहट स्ट्राइकर्स
- चटगांव किंग्स
जिन 8 मैचों की शुरू हुई जांच
- 6 जनवरी: फॉर्च्यून बरिशाल बनाम दर्बार राजशाही
- 7 जनवरी: रंगपुर राइडर्स बनाम ढाका कैपिटल्स
- 10 जनवरी: ढाका कैपिटल्स बनाम सिलहट स्ट्राइकर्स
- 12 जनवरी: दर्बार राजशाही बनाम ढाका कैपिटल्स
- 13 जनवरी: चटगांव किंग्स बनाम सिलहट स्ट्राइकर्स
- 22 जनवरी: फॉर्च्यून बरिशाल बनाम खुलना टाइगर्स
- 22 जनवरी: चटगांव किंग्स बनाम सिलहट स्ट्राइकर्स
- 23 जनवरी: दर्बार राजशाही बनाम रंगपुर राइडर्स
मैचों में फिक्सिंग के सबूत
इन मैचों में कई संदिग्ध गतिविधियां देखी गईं, जैसे तीन लगातार वाइड और नो-बॉल फेंकने वाले गेंदबाज, संदिग्ध प्लेइंग इलेवन का चयन, और बड़े लक्ष्य के बावजूद धीमी बल्लेबाजी.
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