पाकिस्तान क्रिकेट टीम के युवा बल्लेबाज इमाम-उल-हक ने कहा है कि उन्होंने अपनी मेहनत से राष्ट्रीय टीम में जगह बनाई लेकिन शायद वह कभी भी उनके ऊपर से वंशवाद का टैग नहीं हटा पाएंगे. इमाम पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज इंजमाम उल हक के भतीजे हैं.


द क्रिकेटर ने इमाम के हवाले से लिखा, "मुझे नहीं लगता कि यह बदलेगा. लोग शायद मुझे कभी स्वीकार न करें. मैं बहुत खुश होऊंगा अगर जनता मुझे इमाम-उल-हक के रूप में स्वीकार करे न कि किसी के भतीजे के तौर पर."


उन्होंने कहा कि वह इंजमाम की वजह से टीम में नहीं हैं. इंजमाम हाल ही में पाकिस्तान के मुख्य चयनकर्ता थे.


इमाम ने कहा, "लोग सोचते हैं कि उन्होंने (इंजमाम) मिकी आर्थर (पाकिस्तान के पूर्व कोच) पर मुझे टीम में शामिल करने के लिए दबाव डाला था. लोगों को समझना चाहिए कि हम उस दौर में रह रहे हैं जहां आप मीडिया से कुछ छुपा नहीं सकते. मैं बिना अपने प्रदर्शन के टीम में नहीं हो सकता था."


उन्होंने कहा, "उन्होंने नहीं देखा कि मैं किसी प्रक्रिया से गुजरा हूं. उन्होंने सिर्फ यह देखा कि मैं इंजमाम का भतीजा हूं और उन्होंने मान लिया कि उन्हें मेरी आलोचना करने का अधिकार है."


आपको बता दें कि 23 साल के इमाम पाकिस्तान के लिए अबतक 10 टेस्ट, 36 वनडे और एक टेस्ट मैच खेल चुके हैं. टेस्ट क्रिकेट में इमाम 483 रन बनाए हैं. वहीं वनडे में उन्होंने 1692 रन बनाए जिसमें उनका औसत 54.58 का रहा है. वनडे में इमाम ने 7 शतक और 6 अर्द्धशतक भी लगा चुके हैं.