पिछले कुछ महीनों से जब भी भारतीय चयनकर्ता टीम चयन के लिए एक साथ आते हैं तो एक नाम हर बार दरवाजे पर दस्तक तो देती है लेकिन हर बार उसे नजरअंदाज कर दिया जाता है. इस खिलाड़ी का नाम है मयंक अग्रवाल. इंग्लैंड के खिलाफ बचे दो टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए जब टीम का चयन होना था उस वक्त भी इस खिलाड़ी को लेकर आम राय बनती दिख रही थी लेकिन अंत में पृथ्वी शॉ और हनुमा विहारी को पहला मौका मिल गया.


भले ही मयंक का चयन सीनियर टीम में नहीं किया जा रहा हो लेकिन इसका असर उनकी बल्लेबाजी पर बिलकुल भी नहीं दिख रहा. प्रचंड फॉर्म में चल रहे मयंक ने एक और शतकीय पारी खेल चयनकर्ताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया है. एक तरफ फर्स्ट क्लास क्रिकेट में मयंक का औसत 50 के करीब है तो वहीं लिस्ट ए में उनका औसत 50 के पार है. दोनों फॉर्मेट में देखें तो उनके बल्ले से अब तक कुल 20 शतक आए हैं. 


चार टीमों के बीच खेले जा रहे टूर्नामेंट के 8वें मुकाबले में मयंक ने 114 गेंद में 124 रनों की धमाकेदार पारी खेल इंडिया बी को फाइनल के करीब पहुंचा दिया. पहले मुकाबले में टीम को साउथ अफ्रीका के खिलाफ डकवर्थ लुईस नियम के तहत 30 रनों की जीत मिली थी.


इंडिया बी की जीत में मयंक अग्रवाल के बाद बेहतरीन फॉर्म में चल रहे प्रसिद्ध कृष्णा ने भी शानदार खेल दिखाया. उन्होंने 50 रन देकर इंडिया ए के चार बल्लेबाजों को पवेलियन भेज इंडिया ए को 217 रनों पर ढेर करने में अहम भूमिका निभाई. 218 के आसान लक्ष्य को इंडिया बी ने तीन विकेट खोकर 53 गेंद पहले हासिल कर लिया.


इससे पहले टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी इंडिया ए की टीम सिर्फ 217 रन ही बना पाई. टीम के लिए अंबाती रायुडू ने 75 गेंदों पर दो चौकों और तीन छक्कों की मदद से सर्वाधिक 48 रन का योगदान दिया.


इसके अलावा कृष्णप्पा गौतम ने 35, संजू सैमसन ने 32 और कप्तान श्रेयस अय्यर ने 20 रन बनाए. इंडिया-बी की ओर से कृष्णा के अलावा श्रेयस गोपाल ने 38 रन पर दो विकेट और धमेंद्र जडेजा, दीपक हुड्डा ने एक-एक विकेट लिए.


जवाब में मयंक ने 114 गेंदों पर 14 चौके और तीन छक्के लगाए. जबकि शुभमन गिल ने 55 गेंदों पर चार चौकों की मदद से 42 और इशान किशन ने 25 रन का योगदान दिया. कप्तान मनीष पांडे ने नाबाद 21 रनों की पारी खेल टीम को 41.1 गेंद में जीत दिला दी.


इंडिया-ए की तरफ से खलील अहमद ने दो और दीपक चहर ने एक विकेट हासिल किए.