नई दिल्ली: रणजी ट्रॉफी के इस सीजन में बल्ले का बेहतरीन जौहर दिखाने वाले कर्नाटक के सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल का कहना है कि वह सिर्फ अच्छा प्रदर्शन करने और टीम में अपना योगदान देने पर ध्यान देते हैं, बाकी और किसी चीज को वो ज्यादा तवज्जो नहीं देते.

मयंक ने इस रणजी सीजन में कर्नाटक को सेमीफाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी, हालांकि सेमीफाइनल में आठ बार की विजेता को विदर्भ ने मात देकर खिताबी मुकाबले में जाने से रोक दिया.

मयंक ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि वह अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करते हैं, बाकी चीजें उनेक दिमाग में नहीं होती हैं. वह अभी तक इस सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं.

मयंक ने इस सीजन में आठ मैचों की 13 पारियों में 105.45 की औसत से 1160 रन बनाए हैं जिसमें लगातार पांच शतक और दो अर्द्धशतक भी शामिल हैं. इन पांच शतकों में महाराष्ट्र के खिलाफ लगाया गया तिहरा शतक भी शामिल है. रणजी ट्रॉफी का फाइनल मैच 29 दिसम्बर को दिल्ली और विदर्भ के बीच खेला जाएगा, लेकिन दोनों टीमों का कोई भी बल्लेबाज मयंक के रनों के करीब तक नहीं हैं. दोनों टीमों में रनों के मामले में सबसे आगे विदर्भ के कप्तान फैज फजल हैं जिनके नाम 843 रन हैं. फजल, मयंक से 317 रन दूर हैं.

मयंक से जब पूछा गया कि वह इस प्रदर्शन को कैसे देखते हैं और क्या उन्हें लगता है कि यह प्रदर्शन उनके लिए भारतीय टीम के दरवाजे खोल सकता है, तो मयंक ने कहा, "मैं अपने प्रदर्शन से काफी खुश हूं. मेरे लिए खुशी की बात है कि ऐसा सीजन आया. यह सीजन मेरे लिए बदलाव लेकर आया है. मैं ईमानदारी से कहूं तो मेरे दिमाग में तो यह है कि मैं सिर्फ खेल सकता हूं और मैं खुश हूं कि मैं अच्छा प्रदर्शन कर रहा हूं."

उन्होंने कहा, "भगवान का इसके लिए शुक्रिया अदा करता हूं कि मेरा सीजन अच्छा गया. मैं भारतीय टीम में चयन के बारे में ज्यादा सोच नहीं रहा. वो मेरे दिमाग में नहीं है. मैं अच्छा खेलता रहा तो जो होना है वो हो जाएगा."

कर्नाटक ने इस पूरे सीजन में बेहतरीन खेल दिखाया और सेमीफाइनल में जगह बनाई, लेकिन सेमीफाइनल में वह इस प्रदर्शन को जारी नहीं रख पाई और विदर्भ से हार गई. मयंक ने कहा कि इस हार का दुख तो है, लेकिन समय अब आगे बढ़ने का है.

मयंक ने कहा, "दुख तो है कि हम हार गए, लेकिन हम लोगों ने पूरी मेहनत की. पूरा प्रयास किया. जो भी हुआ वो हुआ, उसका दुख है, लेकिन उसको भूल कर आगे के बारे में सोचना है."

मयंक ने इस सीजन में कई लाजबाव और संकटमोचक पारियां खेलीं. उनसे जब इस सीजन की अपनी बेहतरीन पारी चुनने के बारे में कहा गया तो उन्होंने कहा कि वह तुलना में विश्वास नहीं करते क्योंकि हर पारी का अपना महत्व होता है.

इस सलामी बल्लेबाज ने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मैं अपनी किसी भी पारी की तुलना नहीं करता क्योंकि हर पारी का अपना एक महत्व होता है. जब 300 किया था तो मुझ पर भी दबाव था कि दो मैच में रन नहीं आए थे. फिर जब दिल्ली के खिलाफ खेला तो 170 किया तो अच्छे गेंदबाजी आक्रमण के सामने आया. इसके बाद रेलवे के खिलाफ पिच मुश्किल थी, वहां 100 किया. तो, मैं अपनी पारी का तुलना नहीं करता."

कनार्टक की इस सीजन की सफलता में उसकी सलामी जोड़ा का अहम योगदान रहा है. मयंक के साथ उनके जोड़ीदार रविकुमार समर्थ ने टीम को अच्छी शुरुआत दी.

रविकुमार के साथ जोड़ी पर मयंक ने कहा, "ओपनिंग स्टैंड काफी अहम होता है. हम चाहे पहले बल्लेबाजी कर रहे हों, चाहे लक्ष्य का पीछा करें, अगर शुरुआत अच्छी मिलती है तो टीम के लिए अच्छा होता है. हम दोनों पहले भी साथ में काफी क्रिकेट खेल चुके हैं. हम एक ही स्कूल में पढ़े हैं. इसके अलावा भी क्रिकेट में भी साथ में काफी खेले हैं तो दोनों के बीच अच्छा तालमेल है."

रविकुमार समर्थ ने भी इस सीजन में आठ मैचों की 13 पारियों में 56.08 की औसत से 673 रन किए हैं जिसमें तीन शतक और दो अर्द्धशतक शामिल हैं.

मयंक इस सीजन में पूर्व भारतीय बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण के एक सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाने के रिकॉर्ड से चूक गए. हालांकि, इसका उन्हें मलाल नहीं है.

मयंक के मुताबिक, "मैं ज्यादा रिकॉर्ड के बारे में नहीं सोचता. मैं बस खेलता हूं और अच्छा प्रदर्शन करने के बारे में और टीम में योगदान देने के बारे में सोचता हूं, इसमें अगर आंकड़े टूटते हैं तो अच्छी बात है."