Joe Root Batting Style: भारत और इंग्लैंड के बीच रांची में खेले जा रहे टेस्ट मैच में जो रूट ने लाजवाब शतक जमाया. उन्होंने ऐसे वक्त में बड़ी पारी खेली, जब इंग्लैंड को उनके बल्ले से रन आने की सबसे ज्यादा जरूरत थी. दिलचस्प बात यह रही कि रूट ने इस बार बैजबॉल स्टाइल में नहीं बल्कि अपने स्वाभाविक अंदाज में खेलते हुए शतक जमाया.
दरअसल, इस टेस्ट सीरीज के शुरुआती तीनों मुकाबलों में जो रूट बुरी तरह फ्लॉप रहे थे. वह 6 में से एक भी पारी में 30 के पार नहीं जा पाए थे. ज्यादातर मौकों पर वह तेज तर्रार बल्लेबाजी यानी बैजबॉल स्टाइल में खेलने के चक्कर में विकेट देते नजर आए. इसे लेकर कई पूर्व क्रिकेटर्स ने उन्हें बैजबॉल छोड़कर अपने स्वाभाविक अंदाज में बैटिंग करने की सलाह दी थी. रूट ने भी इसे सही समझा और रांची टेस्ट में अपने पुराने स्टाइल में खेलते हुए नजर आए. रूट को इसका फायदा मिला और उन्होंने इस सीरीज में अपना पहला शतक जमा डाला. वह 274 गेंद पर 122 रन बनाकर नाबाद रहे.
रूट की इस पारी के बाद सोशल मीडिया पर इस तरह के पोस्ट आए कि रूट इंग्लैंड के कोच मैक्कुलम और कप्तान बेन स्टोक्स के निर्देशों के कारण अपना स्वाभाविक खेल नहीं खेल पाते और उन्हें बैजबॉल स्टाइल में खेलना पड़ता है. इस तरह की बातों को अब इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइक एथर्टन ने गलतफहमी करार दिया है.
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान ने क्या लिखा?
माइक एथर्टन ने "दी टाइम्स यूके'' के लिए अपने कॉलम में लिखा, 'यह गलतफहमी है कि रूट पिछले कुछ समय से निर्देशों के तहत बैजबॉल स्टाइल में खेल रहे हैं. ऐसा नहीं है. ब्रेंडन मैकुलम और बेन स्टोक्स उन्हें कोई निर्देश नहीं देते हैं. रूट ने खुद इस तरह से बल्लेबाजी करने को अपनाया है. शायद वह इस नए अंदाज में टेस्ट क्रिकेट खेलने के मजे को चूकना नहीं चाहते थे. लेकिन वह एक चतूर बल्लेबाज हैं. वह जानते हैं कि कब उन्हें अपने स्वाभाविक अंदाज में वापसी करते हुए बल्लेबाजी करना है. उन्होंने वेलिंग्टन में भी यह बताया था और रांची में भी दिखाया.'
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