महिला टी-20 विश्वकप के सेमीफाइनल में भारतीय टीम को मिली हार के बाद शुरू हुए विवाद ने एक नया मोड़ ले लिया है. भारतीय टीम की अनुभवी क्रिकेटर और वनडे टीम की कप्तान मिताली राज ने टीम के कोच रमेश पोवार और सीओए की सदस्या डायना इडुल्जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं.


मिताली राज ने पोवार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके व्यवहार की वजह से मैंने कई बार खुद को अपमानित महसूस किया है.


मिताली ने कहा ,‘‘ यदि मैं कहीं आसपास बैठी हूं तो वह निकल जाते थे या दूसरों को नेट पर बल्लेबाजी करते समय देखते थे लेकिन मैं बल्लेबाजी कर रही हूं तो नहीं रूकते थे. मैं उनसे बात करने जाती तो फोन देखने लगते या चले जाते.’’


इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में मिताली राज को भारतीय टीम की प्लेइंग इलेवन से बाहर रखा गया था जिसकी वजह इस मुकाबले में टीम को आठ विकेट से करारी हार का सामना करना पड़ा था.


इसके बाद टीम मैनेजमेंट और कप्तान हरमनप्रीत कौर के इस फैसले पर सवाल उठने लगे थे. इस बढ़ते विवाद के बीच मिताली ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि बीसीसीआई की सत्ता में बैठे कुछ लोग मेरे करियर को बर्बाद करना चाहते हैं.


मिताली ने इडुल्जी पर आरोप लगाते हुए कहा, 'सेमीफाइनल मुकाबले से मुझे बाहर किए जाने के फैसले का उन्होंने समर्थन किया. यहां तक कि मीडिया में भी इडुल्जी ने टीम मैनेजमेंट के इस फैसले को सही बताया. इडुल्डी ने मेरे साथ पूरी तरह से पक्षपात किया है.'


आपको बता दें कि टी-20 विश्वकप के ग्रुप स्टेज मुकाबले में मिताली ने लगातार दो मैचों में दो अर्द्धशतक लगाया था और वह अच्छे लय में भी नजर आ रही थी लेकिन इसके बावजूद सेमीफाइनल में इंग्लैंड जैसी मजबूत टीम के खिलाफ मिताली को टीम में जगह नहीं दी गई थी.


इस घटना के बाद मिताली ने कहा, 'मेरे 20 साल के लंबे करियर में पहली बार मैने अपमानित महसूस किया. मुझे यह सोचने पर मजबूर होना पड़ा कि देश के लिये मेरी सेवाओं की अहमियत सत्ता में मौजूद कुछ लोगों के लिये है भी या नहीं या वे मेरा आत्मविश्वास खत्म करना चाहते हैं.’’


मिताली ने यह एक चिट्ठी के माध्यम से बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी और क्रिकेट ऑपरेशन के जनरल मैनेजर सबा करीम से अपनी यह बात कही है.


हरमनप्रीत पर मिताली ने कहा, 'मैं टी-20 कप्तान हरमनप्रीत के खिलाफ कुछ नहीं कहना चाहती लेकिन मुझे बाहर रखने के कोच के फैसले पर उसके समर्थन से मुझे दुख हुआ .'