नई दिल्ली: भारतीय महिला वनडे टीम की कप्तान मिताली राज ने शनिवार को संकेत दिया कि न्यूजीलैंड में 2022 में होने वाला 50 ओवर का विश्व कप उनके 23 साल के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर का अंतिम टूर्नामेंट होगा. 38 वर्षीय मिताली ने यह भी कहा कि वह न्यूजीलैंड की जीवंत पिचों के लिए कुछ बेहतरीन सीम गेंदबाजी विकल्प भी तलाश कर रही हैं.
भारत की सबसे बेहतरीन महिला क्रिकेटर ने ‘1971: द बिगनिंग ऑफ इंडियाज क्रिकेटिंग ग्रेटनेस’ किताब के वर्चुअल लांच के दौरान कहा, 'अंतर्राराष्ट्रीय क्रिकेट में 21 साल हो चुके हैं और मैं जानती हूं कि 2022 मेरा संन्यास का वर्ष होगा, जो विश्व कप के बाद हो सकता है.'
हार्पर कोलिंस द्वारा प्रकाशित इस किताब के सह लेखक बोरिया मजूमदार और गौतम भट्टाचार्य हैं. मिताली ने कहा, 'पिछला साल मेरे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 20 वर्षों के बराबर है.' मिताली एकमात्र महिला बल्लेबाज हैं जिनके नाम वनडे में 7000 से ज्यादा रन हैं, उन्होंने कोविड-19 काल के दौरान खुद को प्रेरित रखने के बारे में बात की.
उन्होंने कहा, 'मैं जानती हूं कि हम मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं लेकिन मैंने अपनी फिटनेस पर काम करने के लिए काफी कुछ किया. वैसे भी मेरी उम्र कम नहीं हो रही, बल्कि मेरी उम्र बढ़ रही है और मैं फिटनेस की अहमियत जानती हूं. भावनात्मक रूप से मजबूत रहना काफी अहम होगा क्योंकि हमें पता है कि विश्व कप से पहले बहुत ही कम दौरे होंगे.'
चार द्विपक्षीय श्रृंखलाएं
भारतीय महिला टीम को चार द्विपक्षीय श्रृंखलाएं खेलनी हैं. जिसमें इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड का विदेशी दौरा और फिर इसी के बीच में वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू श्रृंखला शामिल है. उन्होंने कहा, 'अब से प्रत्येक दौरा बतौर बल्लेबाज मेरे लिए अहम है और साथ ही मुझे विश्व कप के लिए टीम तैयार करनी है और उन्हें एकजुट करना है.'
मिताली ने कहा, 'हां, लड़कियों को देखकर मैं काफी सकारात्मक हूं, वे जिस तरह से इस समय सीमित सुविधाओं में काम रही हैं, उनका ध्यान और उत्साह आने वाली श्रृंखला पर लगा है.' उन्होंने स्वीकार किया कि तेज गेंदबाजी ऐसा विभाग है जिसे सुधारने की जरूरत है और इसमें भविष्य के लिए एक पूल बनाने की जरूरत है क्योंकि झूलन गोस्वामी भी अपने करियर के अंत की ओर हैं.
मिताली ने कहा, 'हमें निश्चित रूप से कुछ खिलाड़ियों को तलाशना होगा और न्यूजीलैंड के लिए तैयार करना होगा.' इस दौरान महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर भी पैनल में शामिल थे, मिताली को उनसे भी कुछ सलाह मिली. गावस्कर को लगता है कि मिताली की टीम विराट कोहली की टीम से प्रतिद्वंद्वियों से डरे बिना उन्हें चुनौती देने की चीज सीख सकती है.
उन्होंने कहा, 'मैं अपनी पत्नी के साथ लॉर्ड्स में 2017 महिला वनडे विश्व कप फाइनल देख रहा था. मैंने देखा कि इंग्लैंड की खिलाड़ी आपके निचले क्रम को परेशान कर रही थी और अपने हावभाव से उन्हें भयभीत कर रही थीं.' गावस्कर ने कहा, 'मैं लड़कियों से चाहूंगा कि वे नीचे देखने के बजाय प्रतिद्वंद्वी की आंखों में घूर कर देखें. मुझे लगता है कि ‘बॉडी लैंग्वेज’ काफी अहम पहलू है. विराट कोहली को देखो, वह प्रतिद्वंद्वी को घूरता है और फिर पूरी टीम भी ऐसा ही करती है.'