लंदन: आईसीसी महिला विश्व कप के फाइनल में करीबी मैच में हारने वाली भारतीय टीम की कप्तान मिताली राज को उम्मीद है कि इस विश्व कप में टीम ने जिस तरह का प्रदर्शन करते हुए दूसरी बार फाइनल में जगह बनाई उससे भारत में महिला क्रिकेट की स्थिति बेहतर होगी और खिलाड़ियों को वाजिब तवज्जो मिलेगी. इंग्लैंड ने भारत को रविवार को लॉर्ड्स क्रिकेट मैदान पर खेले गए फाइनल मैच में नौ रनों से हरा दिया.
इंग्लैंड ने लॉर्ड्स मैदान पर भारत के सामने 229 रनों का लक्ष्य रखा था, जिसे भारतीय टीम हासिल नहीं कर पाई और 48.4 ओवरों में 219 रन पर अपने सभी विकेट गंवा बैठी. इस तरह उसके हाथ से पहली बार विश्व विजेता बनने दूसरा मौका चला गया.
इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए नताली स्काइवर के 51 रन और सारा टेलर के 45 रनों की मदद से निर्धारित 50 ओवरों में सात विकेट खोकर 228 रन बनाए थे.
मैच के बाद मिताली ने अपनी टीम की तारीफ की और कहा कि उन्हें अपनी टीम पर गर्व है. इसके साथ ही उन्होंने मैच के बाद कहा कि 'भारतीय खिलाड़ियों के इस प्रदर्शन से भारत में महिला क्रिकेट की स्थिती बेहतर होगी और खिलाड़ियों को वाजिब तवज्जो मिलेगी.'
मैच के बाद पुरस्कार वितरण समारोह में मिताली ने कहा, "इंग्लैंड के लिए यह आसान नहीं था, लेकिन उन्हें जीत का श्रेय जाता है. उन्होंने दबाव के पलों में अच्छा प्रदर्शन किया और मैच पलट दिया. मैं अपनी टीम की खिलाड़ियों से कहना चाहती हूं कि मुझे उन पर गर्व है. उन्होंने किसी भी टीम के लिए मैच आसान नहीं होने दिया."
मिताली ने मैदान पर मौजूद समर्थकों का भी शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा, "मैं यहां महिला क्रिकेट का समर्थन करने आए सभी प्रशंसकों को धन्यवाद देती हूं."
मिताली ने अपने भविष्य और झूलन गोस्वामी के बारे में अपनी राय साझा की.
भारत को दो बार विश्व कप के फाइनल में पहुंचाने वाली कप्तान ने कहा, "झूलन शानदार गेंदबाज हैं, उन्होंने इस बात को कई बार साबित किया है. बल्लेबाजी थोड़ी अनुभवहीन साबित हुई और वह दबाव में बिखर गई. मैं आश्वस्त हूं कि इससे बल्लेबाजों की सीखने को मिलेगा. मैं खुद को कुछ साल और खेलते देखती हूं, लेकिन अगला विश्व कप नहीं."
उन्होंने कहा, "झूलन का करियर बेमिसाल रहा है. उनका करियर लंबा और प्ररेणादायी रहा है. मुझे भरोसा है कि हमारे देश में अब महिला क्रिकेट को ओर भी लोगों का ध्यान जाएगा और उन्हें तवज्जो मिलेगी."
गौरतलब है कि भारत ने पहली बार 2005 में विश्व कप के फाइनल में जगह बनाई थी तब भी मिताली कप्तान थी और झूलन उस टीम का हिस्सा.