नई दिल्ली/मुंबई: शायद आपने गली क्रिकेट में ऐसा कई बार होते देखा हो लेकिन आईपीएल स्तर के मुकाबले में ये गलती बिल्कुल भी माफी के लायक नहीं मानी जा सकती. मुंबई और हैदराबाद के बीच मुंबई के वानखेडे मैदान पर जारी मुकाबले में एक बार फिर से अंपायरिंग के खराब स्टैंडर्ड ने सभी का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है. सनराइज़र्स हैदराबाद की पारी के दौरान एक ऐसी गलती देखने को मिली जिसे क्रिकेट के मैदान पर माफी नहीं दी जा सकती. 



हैदराबाद की पारी के छठे ओवर की आखिरी गेंद और सातवें ओवर की पहली गेंद को एक ही बल्लेबाज़ ने खेला जो कि क्रिकेट के नियमों के मुताबिक पूरी तरह से गलत है और एक बड़े मुकाबले में इस तरह की चूक होना चिंता का विषय है. 



पारी के छठे ओवर में जसप्रीत बुमराह ने आखिरी गेंद कप्तान डेविड वॉर्नर को फेंकी जिसे वॉर्नर ने चौके के लिए बाउंड्री लाइन के पार पहुंचा दिया लेकिन इसके तुंरत बाद अगले ओवर में गेंदबाज़ी करने आए मिचेल मैक्कलेनेघन के ओवर की पहली गेंद पर स्ट्राइक पर एक बार फिर वॉर्नर बल्लेबाज़ी करने आ गए और उन्होंने एक रन लेकर स्ट्राइक शिखर धवन को दी. 



नियम के मुताबिक जब छठे ओवर की आखिरी गेंद पर वॉर्नर ने स्ट्राइक ली तो सातवें ओवर की पहली गेंद पर शिखर धवन को बल्लेबाज़ी के लिए आना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ और बल्लेबाज़ ही नहीं अंपायर्स से भी ये बड़ी चूक हुई. 





इस मुकाबले में फील्ड अंपायर का जिम्मा सी.के. नंदन और नितिन मेनन पर है लेकिन दोनों अंपायरों से ये चूक हुई यहां तक की तीसरे अंपायर वाईसी बर्डे भी इस गलती पर अपनी नज़र नहीं रख पाए. 



आपको बता दें कि सी.के. नंदन वही अंपायर है जिन्होंने कोलकाता के खिलाफ पिछले मुकाबले में रोहित शर्मा को गलत पगबधा आउट दिया था जिसके बाद रोहित ने इस फैसले पर अपनी नाराजगी जताई और उनके खिलाफ आईपीएल की तरफ से कार्रवाई भी गई. 



आईपीएल में इस साल आईसीसी पैनल के अंपायरों की संख्या और भी कम हो गई है और इस बार महज़ 4 अंपायर अंतराष्ट्रीय स्तर के हैं. जिनमें क्रिस जैफनी, नाइजल लॉंग, मारियस इरस्मस और एस रवि शामिल है.