हैदराबाद: पाकिस्तान टीम में चयन न होने से परेशान मोहम्मद आसिफ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के पास जा सकते हैं. स्पॉट फिक्सिंग के दोषी पाए गए आसिफ आईसीसी से पूछना चाहते हैं कि क्या उसने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को उनको राष्ट्रीय टीम में शामिल न करने के निर्देश दिए हैं.
आसिफ को 2011 में स्पॉट फिक्सिंग का दोषी पाया गया था और आईसीसी ने उन पर सात साल का प्रतिबंध लगाया था. उनके साथ टीम के तत्कालीन कप्तान सलमान बट्ट को भी स्पॉट फिक्सिंग का दोषी पाया गया था.
आईसीसी ने 2015 में आसिफ को खेलने की इजाजत दे दी थी लेकिन तब से वह राष्ट्रीय टीम में अपनी जगह नहीं बना पाए हैं.
पाकिस्तान के अखबार 'द डॉन' ने आसिफ के हवाले से लिखा है, "इस मामले में कुछ जानकारी मुझे मिली है जिसके मुताबिक आईसीसी ने पीसीबी से मुझे टीम में शामिल न करने को कहा है."
आसिफ इस समय कैद-ए-आजम ट्रॉफी में वाप्दा की टीम से खेल रहे हैं.
उन्होंने कहा, "मैं नहीं जानता कि यह जानकारी कितनी सही है. मैं लगातार घरेलू सीजन में खेल रहा हूं. इसलिए मैं आईसीसी से पूछना चाहता हूं कि क्या उन्होंने मेरे लिए कोई रणनीति बनाई है."
आसिफ ने कहा, "अन्य गेंदबाज कोई खास गेंदबाजी नहीं कर रहे हैं. मैं भी उनकी तरह गेंदबाजी कर सकता हूं."
उन्होंने कहा, "अगर पीसीबी अध्यक्ष शाहरयार खान ने सलमान बट्ट और मुझे टीम में चयन करने का फैसला चयनकर्ताओं पर छोड़ दिया है तो यह ठीक है, लेकिन जो खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहें हैं उनको लेकर चयनकर्ताओं को निष्पक्ष होना चाहिए."
आसिफ ने कहा, "हमें शिविर में बुलाया जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ."
आसिफ ने टीम के मौजूदा तेज गेंदबाजी आक्रमण को औसत बताया है और कहा है कि वह इससे प्रभावित नहीं हैं.
आसिफ ने कहा, "हम प्रतिभा की बात करते हैं लेकिन हमारे पास सिर्फ इतनी ही प्रतिभा है. मैं नहीं मानता की हमारे तेज गेंदबाजों में कुछ विशेष है. यह औसत आक्रमण है."