हैदराबाद क्रिकेट संघ (एचसीए) ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन के आम सभा की विशेष बैठक (एसजीएम) में हिस्सा लेने पर रोक लगा दी. जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया और यह पूर्व भारतीय कप्तान नाराज हो गए.


एचसीए अध्यक्ष जी विवेक ने कहा कि अनधिकृत क्रिकेट इकाई से कथित तौर पर जुड़ने के कारण की एसजीएम में अजहरूद्दीन को शुरू में हिस्सा लेने की स्वीकृति नहीं दी गई.


विवेक ने कहा, ‘‘वह प्रॉक्सी वोटर था. उसके कार्ड पर सस्पेंड किए जा चुके सचिव ने हस्ताक्षर किया था.’’ लोढा समिति की सिफारिशों को पारित करने के लिए एसजीएम बुलाई गई थी.


विवेक ने आरोप लगाए कि अजहरूद्दीन बीसीसीआई द्वारा गैर मान्यता प्राप्त क्रिकेट इकाई के ब्रांड एंबेसडर बनकर एचसीए के खिलाफ अभियान चला रहे थे.


उन्हें एक घंटे तक रोक के रखा गया और कांग्रेस नेता वी हनुमंत राव के हस्तक्षेप के बाद ही बैठक के स्थल में घुसने की स्वीकृति दी गई.


एचसीए अध्यक्ष ने बताया कि बैठक में लोढा समिति की सिफारिशों को स्वीकार किया गया.


उन्होंने इन खबरों को खारिज किया कि काफी सदस्य बैठक से अजहरूद्दीन को बैन करने के पक्ष में नहीं थे.


विवेक ने कहा, ‘‘जब तक आप इन्हें (लोढा समिति की सिफारिश) स्वीकृति नहीं देंगे तब तक बीसीसीआई आपको पैसा नहीं देगा.’’ इस बीच 54 साल के अजहर ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझे एक घंटे तक इंतजार कराया. यह काफी शर्मनाक था. मैं हैदराबाद का खिलाड़ी रहा हूं और 10 साल भारतीय टीम का कप्तान रहा. ये लोग जो संघ को चला रहे हैं उन्हें क्रिकेट के बारे में कुछ नहीं पता. उन्होंने अपने जीवन में कभी बल्ला या गेंद नहीं उठाई.’’