Mohammed Shami: निराशा और तनाव ने जकड़ा.. सुसाइड के ख़याल भी आए, लेकिन आज देश के सबसे बड़े सितारे हैं मोहम्मद शमी
Mohammed Shami's Journey: मोहम्मद शमी एक वक्त लंबे समय तक क्रिकेट के मैदान से दूर रहे थे. उनकी पत्नी हसीन जहां से भी उनका रिश्ता अच्छा नहीं चल रहा था.

Mohammed Shami, IND vs NZ Semi-Final: वर्ल्ड कप 2023 के पहले सेमीफाइनल मुकाबले में मोहम्मद शमी ने जिस अंदाज में गेंदबाजी की है, उसने उन्हें आज देश का सबसे बड़ा सितारा बना दिया है. सोशल मीडिया पर वह बुधवार रात से ही ट्रेंड कर रहे हैं. हालत यह है कि उन्होंने विराट कोहली के 50वें शतक की बड़ी उपलब्धि को भी फीका कर दिया है. शमी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में 7 विकेट झटककर टीम इंडिया को जो जीत दिलाई है, शायद यह अब क्रिकेट जगत में हमेशा याद रखी जाएगी. इस यादगार परफॉर्मेंस की बदौलत शमी ने कई पुराने रिकॉर्ड धराशायी कर उन पर अपना नाम लिख दिया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज देश का यह सबसे चहेता चेहरा कभी सुसाइड करने के बारे में भी सोचता था. यह बात आप नहीं जानते हैं तो हम आपको शमी की आपबीती सुनाते हैं.
साल 2020 में जब कोरोना का प्रकोप पूरी दुनिया के सिर पर था और सभी तरह की खेल गतिविधियां बंद थी तो ऐसे समय में मोहम्मद शमी इंस्टाग्राम लाइव पर रोहित शर्मा के साथ जुड़े हुए थे. हजारों भारतीय क्रिकेट फैंस भी इस लाइव को जॉइन किए हुए थे. इस लाइव चैट में शमी ने अपनी दुखभरी दास्तां सुनाई थी. शमी ने जो कुछ कहा था उसके बाद कई दिनों तक चर्चाएं चलती रही थीं.
'तीन बार खुदकुशी का सोचा'
शमी ने कहा था, 'मैं वर्ल्ड कप 2015 के वक्त चोटिल हो गया था. टीम में वापसी करने में मुझे 18 महीने लगे. यह मेरे जीवन का सबसे मुश्किल वक्त था. आप तो जानते हैं कि रिहैब आसान नहीं होता और फिर पारिवारिक समस्याएं भी थी. बहुत कुछ चल रहा था. इसी दौरान IPL से 10-12 दिन पहले मेरा एक्सीडेंट हो गया. मेरी निजी जिंदगी को लेकर भी मीडिया में बहुत कुछ चल रहा था. अगर मेरा परिवार मेरा साथ नहीं देता तो शायद मैं क्रिकेट छोड़ चुका होता. मैंने उस दौर में तीन बार खुदकुशी करने के बारे में भी सोचा. हालत यह थी कि मुझ पर नजर रखने के लिए मेरे पास कोई न कोई बैठा होता था. मेरा फ्लैट भी 24वीं मंजिल पर था. घरवालों को लगता था कि मैं कहीं अपार्टमेंट से कूद न जाऊं.'
'घरवाले साथ नहीं होते तो कुछ गलत कर जाता'
शमी कहते हैं, 'इस बुरे वक्त में मेरा परिवार मेरे साथ था. इससे बड़ी ताकत और कुछ नहीं हो सकती है. वे मुझसे कहते थे कि हर तकलीफ का हल निकलता है. तुम सिर्फ अपने खेल पर ध्यान दो. मुझे याद है उस वक्त मैं नेट्स पर गेंदबाजी करता था. रनिंग और खूब एक्सरसाइज भी करता था. लेकिन मुझे नहीं पता होता था कि मैं क्या कर रहा हूं. मैं तनाव में था. अभ्यास के वक्त मैं हर कभी दुखी हो जाता था. मेरे घरवाले मुझसे कहते था कि फोकस रहो. मेरा भाई मेरे साथ था. मेरे कुछ दोस्त भी साथ थे. मैं यह बात कभी नहीं भूल सकता कि अगर यह लोग नहीं होते तो शायद मैं कुछ भयानक कर जाता.'
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