Mohammed Shami On UPCA: वर्ल्ड कप 2023 में टीम इंडिया के लिए सबसे धारदार गेंदबाजी करने वाले मोहम्मद शमी उस बात पर कायम है जो उन्होंने हाल ही में उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के लिए कही थी. उन्होंने कहा था कि यूपी में उनके साथ न्याय नहीं हुआ था. शमी ने यह बात इसलिए कही थी क्योंकि एक वक्त जब वह क्रिकेट में अपना करियर बनाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे थे, तब अच्छे प्रदर्शन के बावजूद यूपी की टीम में उनका चयन तक नहीं हो पा रहा था. अब एक अन्य इंटरव्यू में शमी ने इस बात को फिर से दोहराया है.
दैनिक जागरण के साथ बातचीत में शमी ने कहा, 'हां, उस समय उत्तर प्रदेश में मेरे साथ भेदभाव हुआ था. मेरे भाई को मेरे बारे में स्पष्ट कह दिया गया था कि लड़के में दम है लेकिन चयन नहीं कर सकते. आज मैं जहां हूं, वह मेरी मेहनत है. संघर्ष के दिनों में मेरे साथ क्या-क्या हुआ, यह बात मैं और मेरा परिवार ही जानता है. फाइनल राउंड में मुझे लगातार दो बार बाहर किया गया था. मैं गांव से निकलकर आया था. मेरे पास न तो संसाधन थे और न ही किसी की सिफारिश थी. मेरे पास सिर्फ क्रिकेट खेलने का जुनून था.'
यूपीसीए के लिए क्या कुछ कह चुके हैं शमी?
शमी ने हाल ही में कहा था, यूपी क्रिकेट टीम में जगह बनाने के लिए दो बार ट्रायल दिया. ट्रायल के फाइनल राउंड में पहुंचने पर यूपी वाले लात मारकर भगा देते थे. जब लगातार दो साल तक मौका नहीं मिला तो मेरे भाई ने चीफ सिलेक्टर से बात की थी. उन्होंने सिलेक्शन का मना करते हुए यह तक कह दिया था कि क्या तुम मेरी कुर्सी हिलाओगे. मेरे भाई ने ट्रायल फॉर्म फाड़ते हुए कहा था कि अब शमी यहां से नहीं खेलना.
बंगाल होते हुए टीम इंडिया में आए शमी
यूपी की टीम में जगह नहीं बना पाने के कारण मोहम्मद शमी ने बंगाल की ओर रूख किया. यहां उन्हें रणजी टीम में जगह भी मिली और फिर आईपीएल में होते हुए वह टीम इंडिया का टिकट पाने में कामयाब रहे. बता दें कि वर्ल्ड कप 2023 में वह सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे हैं.
यह भी पढ़ें...