पिछले साल हुए टी-20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup 2021) में मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) ने पाकिस्तान के खिलाफ 3.5 ओवर में 43 रन लुटाए थे. उन्हें इस मुकाबले में एक भी विकेट हासिल नहीं हुआ था. इस मैच में टीम इंडिया को 10 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद अगर टीम में सबसे ज्यादा किसी खिलाड़ी को ट्रोल किया गया था तो वह मोहम्मद शमी ही थे. मुस्लिम होने के कारण उन्हें धर्म के नाम निशाना बनाया गया था. उन्हें पाकिस्तान को जिताने का जिम्मेदार तक कहा गया था. अब शमी ने धर्म के नाम पर खिलाड़ियों को टारगेट करने वाले लोगों को करारा जवाब दिया है. शमी ने कहा कि वे लोग असली भारतीय नहीं थे और ऐसे लोगों का कोई इलाज भी नहीं है.
'दी इंडियन एक्सप्रेस' से बात करते हुए शमी ने कहा, 'इस तरह की सोच का कोई इलाज नहीं है. जो धर्म के नाम पर लोगों को खिलाड़ियों को निशाना बनाते हैं, वो सच्चे फैन नहीं होते न ही वे असली भारतीय होते हैं. अगर आप किसी क्रिकेटर को हीरो मानते हैं और फिर उसके साथ इस तरह का व्यवहार करते हैं तो आप भारतीय समर्थक कहलाने लायक नहीं हैं. और मुझे लगता है कि इस तरह के लोगों की कमेंट से किसी को दुखी भी नहीं होना चाहिए.'
शमी ने कहा, 'यह कचरा लोगों के दिमाग में भरा हुआ है. यह उनके कम शिक्षित होने को प्रदर्शित करता है. वे लोग जो सोशल मीडिया पर अनजान होते हैं और उनके थोड़े बहुत ही फॉलोअर्स होते हैं, उनके पास खोने के लिए कुछ नहीं होता, इसलिए वह किसी पर भी इस तरह उंगली उठा देते हैं. इन लोगों की कोई जिम्मेदारी नहीं होती है, वास्तव में ये लोग कुछ नहीं होते हैं. अगर ऐसे लोगों को कोई क्रिकेटर या कलाकार रिप्लाई कर देता है तो यह इनको बेफिजुल महत्व देने वाली बात हो जाती है. हमें ऐसे लोगों से उलझने की जरूरत नहीं है.'
शमी ने आगे कहा, 'हम जानते हैं हम क्या हैं. हमें यह बताने की जरूरत नहीं कि भारत हमारे लिए क्या मायने रखता है. हम अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं और अपने देश के लिए लड़ते हैं. इसलिए हमें किसी के सामने कुछ भी साबित करने की जरूरत नहीं है.'
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