Mohammed Shami's Filmy Story: मोहम्मद शमी वनडे वर्ल्ड कप 2023 में भारतीय टीम के लिए अब तक किसी मसीहा से कम साबित नहीं हुए हैं. न्यूज़ीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में शमी ने 7 विकेट लेकर वो कर दिया, जो वनडे वर्ल्ड कप के इतिहास में कोई भारतीय गेंदबाज़ नहीं कर सका. शमी वनडे की एक पारी में 7 विकेट लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज़ बने. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक वक़्त ऐसा भी था जब शमी ने एक नहीं बल्कि तीन बार सुसाइड करने का सोचा था. 


शमी ने सुसाइड के बारे में रोहित शर्मा के साथ इंस्टाग्राम लाइव में खुलासा किया था. शमी ने बताया कि कैसे उन्होंने वापसी की. भारतीय गेंदबाज़ की निजी ज़िदगी में कई परेशानियां एक साथ आईं, जिसके चलते उनके मने में सुसाइड का ख्याल आया था. इन सारी चीज़ों उबरते हुए आज शमी भारत के लिए वर्ल्ड कप में अपनी गेंदबाज़ी से कहर बरपा रहे हैं. 


शमी ने लाइव में बताया कि 2015 के वर्ल्ड कप के बाद उनको चोट लगी. इसके बाद उनकी पत्नी ने उन पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए. इसी बीच उनका एक्सीडेंट भी हुआ. शमी ने कहा, “2015 के बाद जब मुझे चोट लगी थी, तब मुझे 18 महीने लगे थे अगला मैच खेलने के लिए. जब मैं मैच में आया, उसके बाद पारिवारिक दिक्कत आ गई थी कुछ दिन के बाद. वो दिक्कतें चल ही रही थीं कि इसी बीच एक्सीडेंट भी हुआ.”


शमी ने आगे कहा, “मुझे लगता है कि अगर उस वक़्त मेरी फैमिली मेरे साथ न होती, तो शायद मैं अपनी क्रिकेट खो देता. मेरे दिमाग में तो...आप यकीन करो, मैंने तीन बार सुसाइड का सोचा था उस पीरियड में. दिमाग में उस लेवल का स्ट्रेस हो गया था. क्रिकेट के बारे में सोच ही नहीं रहा था. मेरे घर वाले रूम के अंदर पहरा लगाते थे कि ये कुछ गलत न कर ले.”


इस तरह की मुश्किलों का सामना करते हुए शमी ने एक बार फिर क्रिकेट में वापसी की और अपना लोहा मनवाया. पारिवारिक दिक्कतों के दौरान यानी जब पत्नी ने शमी पर आरोप लगाए थे, तब बीसीसीआई की ओर से उनका सालाना कॉन्ट्रेक्ट भी होल्ड कर दिया था. इतना सब झेलने के बाद शमी ने क्रिकेट के मैदान पर धुंआधार वापसी की. 


वर्ल्ड कप 2023 में प्लेइंग इलेवन में मजबूरी में मिली जगह, टीम की बन गए मज़बूती


शमी ने अपनी धारदार गेंदबाज़ी से एक बात को बिल्कुल साफ कर दी कि टीम इंडिया सिर्फ बैटिंग में नहीं, बल्कि गेंदबाज़ी में भी किसी से कमज़ोर नहीं हैं. बता दें कि वर्ल्ड कप 2023 के शुरुआती चार मैचों में शमी को प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिली और वो बेंच ही गर्म करते रहे. लेकिन बांग्लादेश के खिलाफ टीम इंडिया के चौथे मुकाबले में ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या के चोटिल हो जाने के बाद मजबूरी में शमी को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया गया, लेकिन शमी ने अपनी गेंदबाज़ी से टीम की इस मजबूरी को मज़बूती बना दिया. 


शुरुआती चार लीग मैचों मे शार्दुल तीसरे तेज़ गेंदबाज़ के रूप में भारतीय टीम का हिस्सा रहे थे. लेकिन हार्दिक की इंजरी के बाद भारतीय टीम मैनेजमेंट ने फैसला किया कि हार्दिक की जगह सूर्यकुमार यादव को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया जाए और शार्दुल की जगह पेसर मोहममद शमी को. शमी ने टूर्नामेंट में अपने पहले ही मैच न्यूज़ीलैंड के खिलाफ पंजा (5/54) खोल टीम में ऐसे जगह पक्की की जैसे वो कभी टीम से बाहर ही नहीं थे. 


पहले मुकाबले मे पंजा खोलने के बाद शमी रुके नहीं. फिर इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने 4 विकेट झटके और अगले मैच में श्रीलंका के खिलाफ फिर पंजा (5/18) खोल दिया. इकसे बाद साउथ अफ्रीका के खिलाफ उन्हें 2 सफलताएं मिलीं. फिर न्यूज़ीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में उन्होंने कमाल करते हुए 7 विकेट झटक लिए. 


 


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