नई दिल्ली/राजकोट: देश के लिए उस 'नीली' जर्सी को पहनने का सपना देखने के साथ ही एक क्रिकेटर जन्म लेता है. कल रात एक ऑटो ड्राइवर के काबिल बेटे का वो सपना पूरा हुआ. जी हां, हम बात कर रहे टीम इंडिया के युवा तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज की. भले ही कल रात भारतीय टीम न्यूज़ीलैंड के हाथों दूसरे टी20 में 40 रनों से हार गई. लेकिन देश को एक युवा तेज़ गेंदबाज़ मिल गया.
महज़ 23 साल की उम्र में तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद सिराज ने देश के लिए अपना डेब्यू किया. हालांकि वो पहले मैच में दबाव की स्थिती में कुछ खास कमाल नहीं कर सके और खासे महंगे साबित हुए. लेकिन एक खिलाड़ी के लिए देश की जर्सी पहनने का क्या मतलब होता है, ये मैदान पर सिराज के चेहरे और आंखों में साफ-साफ नज़र आया.
टीम इंडिया के कोच रवि शास्त्री ने सिराज को टीम की कैप हैंड ओवर की जिसके बाद सभी साथी खिलाड़ियों ने सिराज को शुभकामनाएं दीं. इसके बाद मैच से पहले राष्ट्रगान के दौरान अपने आयडल्स, और टीम इंडिया के दिग्गज़ों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होते वक्त सिराज की आंखें भर आईं.
देश की शान के लिए, 125 करोड़ देशवासियों के लिए मैदान पर पहली बार उतरने का ऐहसास क्या होता है ये मैदान पर खड़े सिराज की आंखों में साफ नज़र आ रहा था. देश का राष्ट्रगान गाते वक्त सिराज की आंखें नम हो गईं और उन्होंने देश के लिए मैदान पर अपना पहला कदम बढ़ा दिया.
आपको बता दें कि क्रिकेट के मैदान पर पहचान मिलने से पहले सिराज के पिता एक ऑटो-ड्राइवर थे. जिन्होंने मेहनत के साथ अपने बेटे को इस मकाम तक पहुंचाया. साल 2015 में सिराज ने फर्स्ट-क्लास डेब्यू किया. जबकि इसी साल उन्हें आईपीएल सनराइज़र्स हैदराबाद ने मोटी बोली में खरीदा था. उन्होंने इसी साल आईपीएल में 26 विकेट चटकाए.
इसके बाद 2016-17 के सत्र में सिराज 41 विकेटों के साथ तीसरे सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ भी रहे.