हाल ही में भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने बीसीसीआई के सामने ये गुज़ारिश की थी कि खिलाड़ियों की पत्नी या गर्लफ्रेंड दौरे पर टीम के साथ रह सकें. इस पर बीसीसीआई की प्रशासकों की समिति ने जवाब दिया है कि अभी इस पर कोई भी फैसला नहीं लिया गया है. जबकि अभी उन्हें और वक्त की ज़रूरत और राय की ज़रूरत है.
बीते दिन ही मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसी खबरें छपी थीं कि बीसीसीआई की प्रशासकों की समिति ने ये फैसला किया है कि खिलाड़ियों की पत्नियां या गर्लफ्रेंड्स दौरे के शुरुआती दस दिनों के बाद टीम के साथ जब तक चाहें तब तक रह सकती हैं.
लेकिन अब इस पर खुद सीओए की मेंबर डाएना इडुलजी ने साफ किया है कि ये सब सिर्फ अफवाहें हैं. डाएना ने एएनआई से कहा, 'अभी इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है. अभी कुछ और पक्षों लिए जाएंगे. जिसमें कुठ और वक्त लग सकता है. इधर-उधर फैल रही सभी तरह की खबरें महज़ अफवाहें हैं.'
आपको बता दें कि हाल ही में ऐसी खबरें आईं थीं कि विराट ने बीसीसीआई के सामने खिलाड़ी और स्पोर्ट स्टाफ की पत्नियों को पूरे दौरे पर साथ रखने की सिफारिश की है. जबकि अभी सिर्फ खिलाड़ी या स्पोर्ट स्टाफ की पत्नी या गर्लफ्रेंड को शुरुआती दो हफ्तों के लिए टीम के साथ रहने की मंजूरी है.
वेस्टइंडीज़ के खिलाफ जारी सीरीज़ के बाद भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के लंबे दौरे पर जाना है. जिसे लेकर ये उम्मीद है कि सीओेए इस पर जल्द ही फैसला सुनाएगा.
क्रिकेट के अलग-अलग देशों में विदेशों दौरों के दौरान खिलाड़ियों के साथ पत्नियों या गर्लफ्रेंड्स के जाने पर अलग-अलग नियम हैं. मौजूदा समय में अधिकांश टीमों ने अपने खिलाड़ियों के साथ फैमिली को भेजा जाना अलाउड नहीं किया है. साल 2007 में इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने स्वतंत्र स्पोर्ट्स एडमिनिसटेटर से 5-0 से टीम की हार पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा था कि फैमिली के साथ टीम के समय बिताने की वजह से ऐसा हुआ है.
उस समय टीम के स्टार बल्लेबाज़ केविन पीटरसन ने इस फैसले को बेतुका बताया था.
साल 2015 एशेज़ के दौरान भी ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज ईयान हेली ने भी खिलाड़ियों की पत्नियों और गर्लफ्रेंड्स को टीम की हार के लिए जिम्मेदार माना था.