IND vs AUS: जब धोनी ने ऑस्ट्रेलिया को हराने के बाद खिलाड़ियों को जश्न मनाने से किया था मना, पढ़ें क्या था दिलचस्प किस्सा
Dhoni Touch Book: महेन्द्र सिंह धोनी ड्रेसिंग रूम में बैठे खिलाड़ियों को मैसेज देना चाहते थे कि जीतने के बाद कोई बालकनी में जीत का जश्न नहीं मनाएगा, लेकिन कैप्टन कूल ने यह फैसला क्यों किया?
Mahendra Singh Dhoni IND vs AUS: एक वक्त ऑस्ट्रेलियाई टीम को हराना आसान नहीं था. उस ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान रिकी पोंटिंग हुआ करते थे. दरअसल, उस वक्त अगर कोई टीम ऑस्ट्रेलिया को हराने में कामयाब होती थी, तो कंगारू टीम उस हार को 'अपसेट' के तौर पर देखती थी. इस कंगारू टीम का वर्ल्ड क्रिकेट पर दबदबा था, रिकी पोंटिंग की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम को घरेलू सरजमीं पर हराना विपक्षी टीमों के लिए बेहद मुश्किल होता था, लेकिन उस वक्त टीम इंडिया में कप्तान के तौर पर इंट्री हुई युवा विकेटकीपर बल्लेबाज महेन्द्र सिंह धोनी की...
MSD ने क्यों खिलाड़ियों से जश्न नहीं मनाने के लिए कहा?
भरत सुदर्शन अपनी किताब 'धोनी टच' में लिखते हैं कि टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर थी. महेन्द्र सिंह धोनी दौरे पर भारतीय टीम के कप्तान की भूमिका में थे. अब तक उन्होंने महज 15 मैचों में टीम इंडिया की कप्तानी की थी. भरत सुदर्शन अपनी किताब 'धोनी टच' एक वाक्या का जिक्र करते हैं. महेन्द्र सिंह धोनी और रोहित शर्मा क्रीज पर थे. भारतीय टीम को मैच जीतने के लिए 10 रनों की जरूरत थी, लेकिन कैप्टन कूल ने ग्लव्स बदलने का फैसला किया, हालांकि उस वक्त ग्लव्स बदलने की जरूरत नहीं थी. दरअसल, वह ड्रेसिंग रूम में बैठे खिलाड़ियों के लिए मैसेज देना चाहते थे, लेकिन कैप्टन कूल का यह मैसेज क्या था?
जश्न नहीं मनाकर MSD ऑस्ट्रेलिया को क्या मैसेज देना चाहते थे?
महेन्द्र सिंह धोनी ड्रेसिंग रूम में बैठे खिलाड़ियों को मैसेज देना चाहते थे कि जीतने के बाद कोई बालकनी में जीत का जश्न नहीं मनाएगा, लेकिन कैप्टन कूल ने यह फैसला क्यों किया? दरअसल, महेन्द्र सिंह धोनी का मानना था कि अगर टीम इंडिया के खिलाड़ी जीत का ज्यादा जश्न मनाएंगे, तो ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों में मैसेज जाएगा कि टीम इंडिया ने हमारी टीम को हराकर बड़ा अपसेट किया है, लेकिन महेन्द्र सिंह धोनी जीत का जश्न नहीं मनाकर कंगारू खिलाड़ियों को मैसेज देना चाहते थे कि यह कोई अपसेट नहीं है, हमने आपको हराया है, आगामी दिनों में भी हराते रहेंगे...
महेन्द्र सिंह धोनी की मेंटेलिटी है बेहद अलग...
भरत सुदर्शन अपनी किताब 'धोनी टच' में आगे लिखते हैं कि यह महेन्द्र सिंह धोनी का अपना खास अंदाज था. दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत के बाद कैप्टन कूल ने कहा कि इसमें कौन सी बड़ी बात है? हमारे गेंदबाजों ने कंगारूओं को 160 रनों पर ऑलआउट किया, फिर हमने रनों का पीछा कर लिया. यह मेंटेलिटी महेन्द्र सिंह धोनी को क्रिकेट इतिहास के सबसे कामयाब कप्तानों की फेहरिस्त में शामिल करता है. साथ ही आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि महेन्द्र सिंह धोनी क्रिकेट इतिहास के सबसे कामयाब कप्तानों में एक हैं.
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