भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी की गिनती विश्व क्रिकेट के सबसे बेहतरीन फिनिशर के तौर पर होती है. अपने 14 साल लंबे अंतरराष्ट्रीय करियर में धोनी ने कई बार भारत को अपने बल्ले से जीत दिलाई. हर कोई टीम में धोनी की भूमिका अपनाना चाहता है खुद धोनी भी चाहते हैं उनके संन्यास से पहले भारत को एक बेहतरीन मैच फिनिशर मिल जाए. भारतीय टीम मैनेजमेंट के साथ-साथ खुद धोनी ने इस भूमिका के लिए कई खिलाड़ियों को आजमाया है. कभी सफलता मिली कभी नहीं.


इंडियन प्रीमियर लीग के 11वें सीजन में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ टीम को जीत दिलाने के बाद अब खुद धोनी ने बताया है कि एक मैच फिनिशर में क्या खूबी होनी चाहिए.


चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान धोनी ने मैच के बाद बताया कि, एक फिनिशर का काम मैदान पर अपने साथी बल्लेबाज की मदद करने के साथ-साथ मैच को फिनिश करना है. कैप्टन कूल कहे जाने वाले धोनी ने बुधवार को आरसीबी के खिलाफ 34 गेंदों पर एक चौके और सात छक्के की मदद से 70 रनों की नाबाद पारी खेली और बेंगलोर से मिले 206 रनों के लक्ष्य को दो गेंद शेष रहते पांच विकेट के नुकसान पर 207 रन बनाकर हासिल कर लिया.


धोनी ने मैच के बाद कहा, "जब आप बल्लेबाजी कर रहे हैं तो जरूरी है कि दूसरे छोर पर मौजूद बल्लेबाज की भी मदद करें. उन्हें बताएं कि गेंदबाज आपकी बल्लेबाजी शैली के खिलाफ कौन सी रणनीति अपना सकता है. एक फिनिशर का काम मैच को फिनिश करने के साथ-साथ अपने साथी बल्लेबाज से मैदान पर रन बनाने को लेकर चर्चा करना भी है. मैदान पर ये चीजें बहुत मायने रखती हैं."


धोनी उस समय बल्लेबाजी करने के लिए मैदान पर आए थे जब चेन्नई को 66 गेंदों पर 132 रन बनाने थे जबकि उसने 74 रन पर अपने चार विकेट गंवा दिए थे. धोनी और अंबाती रायडू के बीच पांचवें विकेट के लिए 101 रन की शतकीय साझेदारी हुई. धोनी को उनके इस शानदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया.


कप्तान ने कहा, "डिविलियर्स की बल्लेबाजी को देखकर लग रहा था कि इस लक्ष्य का पीछा करना मुश्किल है. मुझे लगता है कि हमने 15-20 रन ज्यादा दे दिए. इसके बाद हमने भी शुरुआत में कुछ अच्छे बल्लेबाजों के विकेट गंवाए. लेकिन, मैदान छोटा था. गेंद बल्ले पर आ रही थी और बाद में कुछ ओस भी पड़ रही थी. कुल मिलाकर सब कुछ रणनीति के अनुसार हुआ."


मैन ऑफ द मैच धोनी ने कहा, "यह जरूरी है कि आपके दिमाग में हमेशा यह बात रहे कि कितने ओवर बचे हैं और इन डेथ ओवरों में कौन गेंदबाजी करेगा. साथ यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि उस विकेट पर कौन गेंदबाज सबसे अच्छी गेंदबाजी कर सकता है, जिसे आप गेंद सौपना चाहेंगे. इसमें आप को जीत या हार मिल सकती है, लेकिन ऐसे समय पर सही फैसले लेना बहुत जरूरी है."