क्रिकेट विश्वकप 2019 शुरु होने में अब 6 महीने से भी कम का वक्त बचा है. ऐसे में अभी ये स्थिती स्पष्ट नहीं है कि अगले साल विश्वकप में भारत का विकेटकीपर कौन होगा. ये सवाल इसलिए भी उठ रहा है टीम इंडिया के विश्व विजेता कप्तान एमएस धोनी बेहद खराब दौर से गुज़र रहे हैं. उन्हें टी20 टीम से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया है. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि धोनी अगले साल टीम के प्रमुख विकेटकीपर होंगे या नहीं.
ऐसे में पूर्व भारतीय आलराउंडर और चयनकर्ता मोहिंदर अमरनाथ ने धोनी को एक अहम सलाह दी है. अमरनाथ को लगता है कि महेंद्र सिंह धोनी और अन्य सीनियर खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम में चयन के लिये योग्य बनने के लिये घरेलू क्रिकेट में खेलना चाहिए.
हाल में ट्वेंटी20 टीम से बाहर किये जाने वाले और काफी लंबे समय पहले टेस्ट से संन्यास लेने के बाद धोनी अब सिर्फ वनडे क्रिकेट में खेलते हैं.
समय होने के बावजूद यह पूर्व कप्तान इस साल 50 ओवर के टूर्नामेंट विजय हजारे ट्राफी में नहीं खेला और बिना किसी मैच अभ्यास के अगले महीने आस्ट्रेलिया में तीन मैच की श्रृंखला में खेलने जायेंगे.
अमरनाथ ने एक कार्यक्रम के इतर पीटीआई से कहा,‘‘हर व्यक्ति अलग होता है लेकिन मेरा हमेशा एक चीज में विश्वास रहा है कि अगर आप भारत के लिये खेलना चाहते हो तो आपको अपने राज्य के लिये भी खेलना चाहिए. मुझे लगता है कि उन्हें (बीसीसीआई) अपनी इस नीति को पूरी तरह से बदल देना चाहिए. काफी सीनियर खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट में नहीं खेलते.’’
महान सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने हाल में यही सुझाव दिया था.
शिखर धवन एक अन्य खिलाड़ी हैं जो टेस्ट टीम से बाहर किये जाने के बावजूद मौजूदा रणजी ट्राफी में नहीं खेल रहे हैं.
भारत की 1983 विश्व कप विजेता टीम के नायक ने कहा,‘‘बीसीसीआई को इसे योग्यता का मानदंड बना देना चाहिए. इसमें केवल कुछ मैच नहीं, बल्कि अगर आप भारत की ओर से नहीं खेल रहे हो तो आपको अपने राज्य के लिये नियमित रूप से खेलना चाहिए और ऐसा सिर्फ भारतीय टीम के चयन से पहले नहीं होना चाहिए. इसके बाद ही आप पहचान सकते हो कि खिलाड़ी कितना अच्छा खेल रहे हैं. आपने जो कुछ भी हासिल किया है, वह बीती बात हो चुकी है. आपकी मौजूदा फार्म अहम है.’’
उन्होंने कहा,‘‘अगर आप एक ही प्रारूप में खेल रहे हो तो आपको चयन के लिये विचार किये जाने के मद्देनजर कम से कम घरेलू क्रिकेट के सभी प्रारूपों में खेलना चाहिए.’’