धोनी के मंत्र ने बदल दी ऋतुराज गायकवाड़ की जिंदगी, जानें ऐसा क्या कह दिया था
Vijay Hazare Trophy: महाराष्ट्र के कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ ने विजय हजारे ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल मैच में उत्तर प्रदेश के खिलाफ 220 रन की पारी खेली थी. इस दौरान उन्होंने एक ओवर में 7 छक्के लगाए थे.
Ruturaj Gaikwad on MS Dhoni: महेंद्र सिंह धोनी आइकॉन क्रिकेटर हैं. उन्हें कप्तानी और विकेटकीपिंग के अलावा रणनीति बनाने में महारत हासिल है. इसके अलावा मैच के दौरान मैदान पर कितना भी तनाव हो उस समय शांत बने रहना माही की सबसे बड़ी खासयित रही. यह परंपरा उन्होंने भारतीय टीम के कप्तानी करते हुए वर्षों तक निभाई. इसके बाद आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान के तौर पर धोनी उसी परंपरा को निभाते हैं. धोनी ने यह कला अपने तक ही सीमित नहीं रखी बल्कि मौजूदा समय में टीम इंडिया के कई युवा खिलाड़ी जिन्होंने उनसे कठिन से कठिन समय में शांत रहने को सीखा है. महाराष्ट्र के सलामी बल्लेबाज और कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ ने भी एमएस धोनी से टफ समय में शांत और न्यूट्रल रहना सीखा है. इसका खुलासा उन्होंने पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा के साथ बातचीत के दौरान किया.
ऋतुराज ने खेली तूफानी पारी
ऋतुराज ने 28 नवंबर को विजय हजारे ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल में उत्तर प्रदेश के खिलाफ धुआंधर 220 रन की पारी खेली थी. इस दौरान उन्होंने शिवा सिंह के एक ओवर में लगातार सात छक्के लगाए. उन्होंने मैच में आतिशी बल्लेबाजी करते हुए 159 गेंद पर नाबाद 220 रन बनाए. अपनी पारी में ऋतुराज ने 10 चौके और 16 छक्के उडाए. लिस्ट ए क्रिकेट में एक ओवर में सात छक्के लगाने वाले दुनिया के सिर्फ तीसरे बैटर हैं. इस शानदार पारी के बाद उन्होंने आकाश चोपड़ा से बात करते हुए कहा कि उन्होंने किसी भी परिस्थिति में न्यूट्रल रहना महेंद्र सिंह धोनी से सीखा है. उन्होंने कहा कि धोनी ने मुझे सिखाया है कि जब चीजें आपके हिसाब से न चल रही हों तो कैसे न्यूट्रल रहना चाहिए. उन्होंने सिखाया जीत हो या हार टीम का माहौल अच्छा रहना चाहिए.
ऋतुराज ने की धोनी की तारीफ
ऋतुराज गायकवाड़ आईपीएल में पिछले कई सत्र से चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेल रहे हैं. उनका कहना जब टीम मैच हारती है तो टीम में गुट बनने लगते हैं. लेकिन धोनी ने ऐसा नहीं होने दिया. उन्होंने कहा मैच हारने के बाद हर कोई 10-15 मिनट के लिए शांत रहता था. लेकिन धोनी भाई प्रजेंटेशन से वापस आकर हमें बताते थे, आराम करो लड़कों ऐसा होता है. महाराष्ट्र के कप्तान ने इस दौरान यह भी बताया कि धोनी कैसे मीटिंग का समय छोटा रखते थे. वह कहते थे कि हर मैच जीतना संभव नहीं है.
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