11 अप्रेल को राजस्थान के सवाई मान सिंह स्टेडियम में खेले गए अहम मुकाबले में चेन्नई ने राजस्थान को धूल तो चटाई लेकिन उनके कप्तान एमएस धोनी की एक हरकत की जमकर आलोचना हो रही है. दरअसल अकसर शांत रहने वाले माही ने राजस्थान के खिलाफ अंपायरों के साथ बहस की.


राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ खेले गए इस मैच में आखिरी ओवर में एक फुलटॉस पर नो बॉल दिए जाने और फिर इस फैसले को पलटने के कारण धोनी नाराज हो गए थे और मैदान पर आ गए थे.


धोनी के इस बर्ताव के कारण उन पर मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना लगाया गया है.


इस मामले से जुड़े एक शख्स ने एजेंसी से बात करते हुए कहा कि लेग अंपायर ब्रूस ओक्सेफोर्ड के बयान के बाद ही मैच रेफरी ने फैसला सिर्फ मैच फीस के जुर्माने तक रखा नहीं तो धोनी की सजा ज्यादा भी हो सकती थी.


सूत्र के मुताबिक, "मैच के बाद जब सभी लोग मैच रेफरी के कमरे में मिले तो ओक्सेनफोर्ड ने यह साफ कर दिया था कि वह चेन्नई के कप्तान के मैदान पर आने और नो बॉल के बारे में चर्चा करने को लेकर बुरा महसूस नहीं कर रहे हैं."


एक ओर अपंयार यह समझ रहे हैं कि यह उस पल की गंभीरता को लेकर लिया गया फैसला था वहीं कुछ पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी धोनी के इस कदम की आलोचना कर रहे हैं.