पिछले साल इंग्लैंड में खराब फॉर्म से गुजरने के बाद ऐसे सवाल उठने लगे थे कि क्या अब एमएस धोनी का वक्त खत्म हो चला है. लेकिन टीम इंडिया के इस दिग्गज ने इसके बाद पहले ऑस्ट्रेलिया और फिर न्यूज़ीलैंड में अपनी शानदार फॉर्म का सबूत पेश कर दिया और ये भी बता दिया कि वो अगले साल विश्वकप तक टीम इंडिया के लिए तैयार हैं. लेकिन बड़ा सवाल फैंस के दिलों दिमाग में यही है कि विश्वकप के बाद क्या माही भारतीय क्रिकेट को अलविदा कह देंगे?
खुद टीम इंडिया के मुख्य चयनकर्ता ने इस सवाल पर बात की है. एमएस के प्रसाद ने हाल ही में कहा है कि अभी धोनी के संन्यास पर कोई भी चर्चा नहीं हुई है और विश्वकप से ठीक पहले ऐसी चर्चा करनी बेमानी है.
प्रसाद ने कहा, “हमने इस बात पर कोई चर्चा नहीं की है. ऐसे बड़े टूनार्मेंट से पहले यह उचित नहीं होगा कि अपने ध्यान को भटकाया जाए. हमारी सारी ऊर्जा विश्व कप के लिए अच्छी तैयारी पर लगी होनी चाहिए.”
प्रसाद ने कहा, हमने निश्चित रूप से इस पर बात नहीं की है क्योंकि इतने बड़े टूर्नामेंट से पहले इस पर बात करने का कोई मतलब नहीं बनता. इससे खिलाड़ियों का ध्यान भंग होगा.
इसके साथ ही मुख्य चयनकर्ता ने माही को लेकर कई ऐसी बातें कि जिससे ये साफ हो गया है कि ना सिर्फ टीम मैनेजमेंट का बल्कि चयनकर्ताओं का भरोसा भी धोनी में बरकरार है. एमएसके ने कहा है कि 'धौनी बल्ले से तो उपयोगी हैं ही, फील्डिंग और कप्तान सहित खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने में भी वह माहिर हैं.'
वहीं उन्होंने कहा कि 'विश्वकप से पहले आईपीएल में उनके पास खुद को साबित करने का मौका है. माही आईपीएल के 14-16 मैच खेलेंगे. सभी कड़े मुकाबले होंगे. इन मैचों से धोनी को विश्वकप के लिए अपनी फॉर्म और बेहतर करने में मदद मिलेगी.'
उन्होंने ये भी कहा कि 'धौनी ने जिस तरह आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में प्रदर्शन किया है उससे एक बात साफ है. उन्होंने तय कर लिया है कि वह अपना स्वाभाविक खेल खेलेंगे और इसी धोनी को हम सभी लोग पहचानते भी हैं.”
37 वर्ष के हो चले धोनी का ये चौथा क्रिकेट विश्वकप है. इससे पहले वो दो 2011 और 2015 के विश्वकप में टीम की कमान भी संभाल चुके हैं. जिसमें से 2011 में भारत को विश्वकप खिताब भी मिला था.
इस बार भी फैंस को ऐसी ही उम्मीद है कि धोनी अगर विश्वकप के बाद विदाई का मन भी बना रहे हैं तो वो खिताबी ट्रॉफी देश को देकर शाही अंदाज़ में विदाई लें.