MI के फील्डिंग कोच James Pamment का खुलासा- बायो बबल में कुछ सीनियर भारतीय खिलाड़ियों को पसंद नहीं थी रोक-टोक
आईपीएल में खिलाड़ियों के कोरोना से संक्रमित होने के बाद इसे 4 मई को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया. वहीं, मुंबई इंडियंस के फील्डिंग कोच जेम्स पेमेंट ने अब दावा किया है कि भारत के कुछ सीनियर खिलाड़ियों को आईपीएल के बायो-बबल के अंदर रोक-टोक पसंद नहीं थी. हालांकि जेम्स ने किसी खिलाड़ी नाम नहीं लिया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि टूर्नामेंट का आयोजन छह स्थानों पर नहीं होना चाहिए था.
आईपीएल 2021 में कुछ खिलाड़ियों के कोरोना से संक्रमित होने के बाद इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया. इस बीच मुंबई इंडियंस के फील्डिंग कोच जेम्स पेमेंट ने दावा किया है कि भारत के कुछ सीनियर खिलाड़ियों को आईपीएल के बायो-बबल के अंदर रोक-टोक और बाध्यताएं पसंद नहीं थी. उन्होंने कहा कि बायो बबल तक पूरी तरह से सुरक्षित था जब तक कि कुछ खिलाड़ियों के संक्रमित होने के मामले सामने नहीं आए थे. हालांकि जेम्स ने किसी खिलाड़ी नाम नहीं लिया. आईपीएल को 4 मई को निलंबित कर दिया गया था.
जेम्स ने कहा "हम बायो बबल में सुरक्षित थे और हमें नहीं लगा कि बायो बबल से कोई कॉम्प्रोमाइज होगा. हमें लगा कि यात्रा हमेशा एक चुनौती होगी. यह तब था जब टीमों में केस आने शुरू हो गए थे. वे थोड़ा अधिक भयभीत थे, थोड़ा अधिक आशंकित थे." पेमेंट ने कहा कि उन्हें ऐसा नहीं लगा कि होटल में टीम के बनाए बायो बबल में उनका स्वास्थ्य खतरे में पड़ने वाला है. यह एक अत्यंत सुरक्षित बायो बबल था.
लोग नहीं चाहते थे कि आईपीएल जारी रहे
पेमेंट ने आगे कहा कि "चेन्नई (सीएसके) ने अपने कोरोना केस के बारे में घोषणा की और हमने सप्ताहांत में चेन्नई से मैच खेला, इसलिए डायनेमिक बदल गया. मैंने निश्चित रूप से अपने ग्रुप के भीतर से देखा, मैंने सोचा कि अपना अधिकांश समय किवी और ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के साथ बिताऊंगा लेकिन मानसिकता बदल गई थी." उन्होंने कहा कि भारत में कई लोगे ऐसे भी थे जिन्होंने अपनो को खोया था और हम उनसे सीखते थे. ये लोग नहीं चाहते थे कि आईपीएल चाहते जारी रहे लेकिन हम प्रोफेशनल तरीके से अपनी सेवाएं दे रहे थे.
आयोजन छह स्थानों पर नहीं होना चाहिए था
जेम्स के मुताबिक , आईपीएल के निलंबन से बहुत पहले उन्हें भारत में महामारी के बारे में पता था और यह आयोजन छह स्थानों पर नहीं होना चाहिए था. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैचों के लिए अहमदाबाद में 70,000 दर्शकों की अनुमति देना थोड़ा गैर-जिम्मेदाराना था और अब अहमदाबाद कोविड का एक हॉट-स्पॉट है.
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