इंडिया-ए ने पहले बल्लेबाजी करते हुए अभिमन्यू ईश्वरन (83), दीपक हुड्डा (59) और विजय शंकर (61) की अर्धशतकीय पारियों के दम पर निर्धारित 50 ओवरों में छह विकेट के नुकसान पर 289 रन बना लिए थे. किवी टीम जॉर्ज वर्कर के 108 रनों के बाद भी 45.1 ओवरों में 225 रनों पर ही ढेर हो गई.
नदीम ने मेजबान टीम के लिए सर्वाधिक चार विकेट लिए जबकि सिद्धार्थ कौल ने तीन विकेट अपने नाम किए. शार्दूल ठाकुर ने दो विकेट और कर्ण शर्मा ने एक विकेट लिया.
चुनौतीपूर्ण लक्ष्य का पीछा करने उतरी किवी टीम ने 50 के स्कोर पर ही तीन विकेट खो दिए थे. हालांकि वर्कर एक छोर पर टिके हुए थे. कप्तान हेनरी निकोल्स (37) ने वर्कर के साथ मिलकर टीम को संभालने की कोशिश की और टीम का स्कोर सौ के पार पहुंचा दिया. नदीम ने निकोलस के आउट करते हुए अपना खाता खोला.
विकेटकीपर टॉम ब्लंडेल ने 31 रन बनाकर वर्कर का साथ देने की कोशिश की, लेकिन कौल ने उन्हें पवेलियन लौटा दिया. अगला विकेट 214 के कुल स्कोर पर वर्कर के रूप में गिरा. उन्हें नदीम ने पवेलियन भेजा. यहां से किवी टीम के जीतने की उम्मीदें खत्म हो गई थीं.
इससे पहले, भारत को अच्छी शुरुआत नहीं मिली. रणजी ट्रॉफी के इस सत्र के पहले मैच में पंजाब के खिलाफ तिहरा शतक लगाने वाले प्रशांत चोपड़ा (13) 30 के कुल स्कोर पर पवेलियन लौट लिए. इसके बाद ईश्वरन और अंकित वबाने (39) ने टीम को संभालते हुए स्कोर 121 रनों तक पहुंचा दिया. अंकित इसी स्कोर पर आउट हुए. कप्तान ऋषभ पंत सिर्फ दो रन ही बना सके.
अंत में दीपक और शंकर ने टीम को सम्मानजनक स्कोर तक प्रदान किया.