एंटी करप्शन प्रोटोकॉल के अनुसार सिर्फ खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ को ही ड्रेसिंग रूम के भीतर जाने की अनुमती है. सेलेक्टर्स रूम के अंदर नहीं जा सकते हैं. ऐसे में अगर तिवारी इस मुद्दे को एंटी करप्शन के पास लेकर गए तो उस हिसाब से दिबांग को ड्रेसिंग रूम से बाहर जाना ही था.
इसके बाद गांधी ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया. गांधी ने कहा, '' मैं बाउंड्री के बाहर खड़ा था जो एक सेलेक्टर का रोल है. मेरे बैक में दिक्कत है. ऐसे में टीम के कोच अरूण लाल ने मुझे कहा था कि मैं ड्रेसिंग रूम के भीतर आऊं और फिजियो को दिखाऊं. इससे पहले मैंने ड्रेसिंग रूम में घुसने से पहले एंटी करप्शन ऑफिशियल से इसकी इजाजत ली थी. इसके बाद मैं सीएबी को फिजियो के पास लेकर गया.