(Source: Matrize)
नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल पर कैफ बोले- एक पल ऐसा आया था जब दिल टूट गया, उम्मीद खो दी थी
भारतीय टीम को पहले विदेशी दौरे पर जीत दर्ज करने वाली टीम के तौर पर नहीं जाना जाता था. लेकिन नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में भारतीय क्रिकेट में एक नए अध्याय की शुरुआत की.
कोरोना वायरस की वजह से इस वक्त किसी भी देश में क्रिकेट टूर्नामेंट्स का आयोजन नहीं हो रहा है. खेल के मैदान से दूर सभी क्रिकेटर्स क्रिकेट के साथ जुड़ी हुई अपनी सबसे खास यादों को फैंस के साथ शेयर कर रहे हैं. इतना ही नहीं क्रिकेट की दुनिया से जुड़े हुए तमाम दिग्गज वो राज भी खोल रहे हैं जिनसे फैंस अब तक अनजान रहे हैं. भारतीय फैंस के लिए 2002 में लॉर्डस मैदान पर खेले गए नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल की ऐतिहासिक जीत बेहद अहम हैं. जीत के हीरो मोहम्मद कैफ ने इस मैच को लेकर खुलासा करते हुए कहा है कि एक वक्त उन्हें लगा था कि टीम इंडिया हार चुकी है.
दरअसल इस जीत के हीरो कैफ के साथ युवराज सिंह भी रहे हैं. इसलिए जब भी भारतीय क्रिकेट की तस्वीर बदल कर रख देने वाले इस मैच का जिक्र होता है तो सबसे पहला नाम कैफ-युवराज की जोड़ी का ही आता है. भारत ने इस मैच में 326 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए महज दो विकेट से दर्ज की थी.
कैफ ने उस मैच को याद करते हुए कहा कि युवराज के आउट होने के बाद उन्हें लगा था कि भारत मैच हार गया. युवराज और कैफ ने इस मैच में मुश्किल समय में छठे विकेट के लिए 121 रनों की साझेदारी की थी. यह साझेदारी उस समय आई थी जब भारत ने अपने पांच विकेट 146 रनों पर ही खो दिए थे.
अंत तक नाबाद रहे कैफ
कैफ 87 रनों पर नाबाद रहकर टीम को जीत दिलाने में सफल रहे थे. कैफ ने युवराज के साथ इंस्टाग्राम लाइवचैट में कहा, "जब आप आउट हो गए थे, तब मुझे लगा कि मैच गया. मुझे नहीं लग रहा था कि हम मैच जीतेंगे. मैं सेट था और आप वहां थे तो मुझे लगा था कि अगर हम आखिर तक खेलेंगे दो मैच जीत जाएंगे. लेकिन आप आउट हो गए और भारत ने उम्मीदें खो दीं. मेरा दिल टूट गया था."
भारत आखिरकार मैच जीता और कप्तान गांगुली ने लॉडर्स की बालकनी से टी-शर्ट उतार कर लहराई. गांगुली की इस बात को भी हमेशा याद किया जाता है. इससे पहले युवराज ने बताया कि गांगुली के साथ उन्होंने भी टी-शर्ट उतारी थी, लेकिन उनकी ओर किसी ने ध्यान ही नहीं दिया.
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