खुद का सपना टूटा तो बेटों के लिए झोक दी जिंदगी, बेहद फिल्मी है सरफराज खान के पिता नौशाद की कहानी
Naushad Khan: सरफराज खान के पिता का सपना भारत के लिए खेलना था, लेकिन खेल नहीं सके. नौशाद का सपना टूटा, लेकिन हार नहीं मानी, अपने बेटे को क्रिकेटर बनाने की ठानी, इसके लिए सबकुछ झोंक दिया.
Sarfaraz Khan Father Story: इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट टेस्ट में सरफराज खान ने अपना डेब्यू किया. सरफराज खान को क्रिकेटर बनाने में पिता नौशाद का बड़ा हाथ रहा है, दरअसल, नौशाद की कहानी किसी बॉलीवुड फिल्म से कम नहीं है. सरफराज खान के पिता का सपना भारत के लिए खेलना था, लेकिन खेल नहीं सके. नौशाद का सपना टूटा, लेकिन हार नहीं मानी, अपने बेटे को क्रिकेटर बनाने की ठानी, इसके लिए सबकुछ झोंक दिया. जब सरफराज खान ने डेब्यू किया तो पिता अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सके, उनकी आखों से आंसू निकलने लगे.
खुद का सपना टूटा तो बेटों को क्रिकेटर बनाने के लिए...
सरफराज खान के पिता नौशाद अपने जमाने में लेफ्ट हैंडर बल्लेबाज हुआ करते थे. खुद का सपना टूटा तो बेटों को क्रिकेटर बनाने के लिए सबकुछ झोंक दिया. दरअसल, हर मानसून सीजन में लगभग चार महीने तक मुंबई में कोई क्रिकेट नहीं होता है, इस वक्त प्लेयर प्री-सीजन फिटनेस ट्रेनिंग करते हैं. लेकिन चाहे बारिश हो, गर्मी हो या उमस... नौशाद खान अपने दोनों बेटों सरफराज और मुशीर पर पसीना बहाते रहे. बारिश के वक्त वह ट्रेनिंग के लिए उत्तर प्रदेश में अपने पैतृक गांव चले जाते हैं.
'जब मैं सरफराज पर कड़ी मेहनत करता था तो मैं सोचता था...'
सरफराज खान के डेब्यू के बाद पिता ने कहा कि जब मैं सरफराज पर कड़ी मेहनत करता था तो मैं सोचता था कि मेरा सपना सच क्यों नहीं हो रहा... लेकिन जब सरफराज खान को टेस्ट कैप मिला तो नेरा नजरिया उन सभी बच्चों के लिए बदल गया, जो रात-दिन कड़ी मेहनत कर रहे हैं. बताते चलें कि सरफराज ने इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट टेस्ट में डेब्यू किया. इस युवा बल्लेबाज ने अपने डेब्यू टेस्ट की दोनों पारियों में पचास रनों का आकड़ा पार किया था.
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