वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टेस्ट के पहले ही दिन महज 10 गेंद डालने के बाद शार्दुल ठाकुर मैदान से बाहर हो गए. उनके चोटिल होने के बाद एक बार फिर राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) का रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम को सवालों के घेरे में आ गया है क्योंकि दुबई में एशिया कप के दौरान लगी ग्रोइन की उनकी चोट फिर से सामने आ गई.
वेस्टइंडीज की पारी के चौथे ओवर की चौथी गेंद करने के बाद ठाकुर दर्द से परेशान दिखे और लंगड़ाते हुए चलने लगे. फिजियो पैट्रिक फरहार्ट के मैदान पर पहुंचने के बाद लगा कि उनकी मांसपेशियों में खिंचाव आ गया है. वह कप्तान विराट कोहली और फिजियो से बात करने के बाद मैदान छोड़कर बाहर चले गए. रविचंद्रन अश्विन ने अंतिम दो गेंद करके यह ओवर पूरा किया.
बीसीसीआई के अधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘शार्दुल ठाकुर स्कैन कराने गए हैं. वह आज मैदान में नहीं आएंगे. टेस्ट मैच के बाकी दिनों में उनकी भागीदारी पर अपडेट उनके स्कैन के बाद किया जायेगा जब टीम मैनजमेंट उनकी चोट का आकलन कर लेगा.’’
यह दूसरी बार है जब यह 26 वर्षीय खिलाड़ी ने लगातार दो अंतरराष्ट्रीय मैचों में बाहर हुआ है. 18 सितंबर को ठाकुर को इससे पहले एशिया कप में हांगकांग के खिलाफ मैच के बाद कूल्हे और ग्रोइन की चोट के कारण भारत वापस भेज दिया गया था.
दस दिन बाद 28 सितंबर को वह विजय हजारे ट्रॉफी में मुंबई की तरफ से खेलने उतरे लेकिन तब उनकी फिटनेस पर सवाल उठने लगे है कि उन्हें एनसीए से खेलने के लिये मंजूरी कैसे मिली.
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ग्रोइन चोट फिटनेस संबंधित चोट है, यह मैदान पर लगी चोट नहीं है. मेरा सवाल है कि शार्दुल को ग्रोइन चोट की शिकायत के 10 दिन के भीतर फिटनेस प्रमाण पत्र कैसे मिल गया और फिर 15 दिन बाद यह चोट फिर से उबर गयी.’’
ठाकुर को मोहम्मद शमी की जगह टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू का मौका दिया गया. वह इंग्लैंड दौरे में भी टीम का हिस्सा थे लेकिन उन्हें एक भी मैच खेलने का अवसर नहीं मिला था.