नार्थ साउंड, एंटीगा: सीमित ओवर के बल्लेबाज के रूप में क्षमता पर लगातार सवाल उठाए जाने के बावजूद अजिंक्य रहाणे ने कहा है कि 50 ओवर के फॉर्मेट से लंबे समय तक बाहर रहने के बावजूद उनका कभी अपनी क्षमता से भरोसा नहीं उठा.



वेस्टइंडीज के मौजूदा दौरे पर रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में पहले तीन मैचों में पारी की शुरुआत करते हुए रहाणे ने 62, 103 और 72 रन की पारियां खेली और वह हर मौके का फायदा उठाना चाहते हैं.



यह पूछने पर कि क्या एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों मे प्लेइंग-11 से बाहर किए जाने के बाद उन्हें अपनी क्षमता पर शक होने लगा था, रहाणे ने मैच के बाद प्रेस कांन्फ्रेंस में कहा, “बिलकुल भी नहीं.” उन्होंने कहा, “यह सिर्फ कुछ अच्छे रन बनाने और लगातार रन बनाने का मामला है, मैं इस मौके का इंतजार कर रहा था. मैं विराट कोहली और टीम प्रबंधन को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने मुझे शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी करने का मौका दिया.”



यह पूछने पर कि क्या वह रोहित की तरह धीमी शुरआत के बाद तेजी से रन बटोरे सकते हैं, रहाणे ने कहा, “मुझे पता है कि मैंने कुछ समय लिया (112 गेंद में 72 रन) लेकिन अगर मैं क्रीज पर रहूं तो मैं इसका फायदा उठा सकता हूं. मैं धीमी शुरुआत की भरपाई कर सकता हूं. मैं मैच के हालात को पढ़ सकता हूं और उसी के मुताबिक खेलता हूं.”





रहाणे को नहीं पता कि जब श्रीलंका सीरीज के दौरान रोहित की टीम में वापसी होगी तो क्या होगा और यही कारण है कि वह अपने बल्लेबाजी क्रम के बारे में सोचने की जगह वर्तमान में जीना पसंद करते हैं.



उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि यह टीम खेल है और टीम प्रबंधन मुझे किसी भी क्रम पर बल्लेबाजी के लिए कहे मुझे उस पर अपना शत प्रतिशत देना है, फिर चाहे यह शीर्ष क्रम हो या मध्यक्रम, मैं हमेशा अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं. मुझे नहीं पता कि भविष्य में क्या होगा लेकिन मैं यहां हर मैच और सीरीज पर ध्यान देना चाहता हूं.”



रहाणे का मानना है कि आपको पिच के हालात के अनुसार बल्लेबाजी करनी होती है जैसा कि उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे एकदिवसीय मैच के दौरान किया.



रहाणे ने कहा कि जब वह अंतिम एकादश में शामिल नहीं थे, तो उन्होंने इस समय का इस्तेमाल अपनी फिटनेस में सुधार के लिए किया जो कैरेबियाई सरजमीं के उमस भरे माहौल में काफी काम आ रहा है.