नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट 30 जनवरी को बीसीसीआई के नए प्रशासकों के नाम का ऐलान कर सकता है. कोर्ट को आज ये ऐलान करना था. लेकिन आज उसने बीसीसीआई और केंद्र को भी नाम सुझाने की इजाज़त दे दी.


इससे पहले वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमण्यम और अनिल दीवान ने 9 नामों की लिस्ट सौंपी थी. इन नामों को फ़िलहाल सार्वजनिक नहीं किया गया है. कोर्ट ने बीसीसीआई और केंद्र से 27 जनवरी तक नाम सौंपने को कहा.


कोर्ट ने ये साफ किया है कि 70 साल से ज़्यादा उम्र के किसी व्यक्ति को प्रशासक नियुक्त नहीं किया जाएगा. वरिष्ठ वकीलों की तरफ से सौंपे गए नामों में कुछ ऐसे लोग भी थे जो 70 से ज़्यादा उम्र के थे.


पिछली सुनवाई में लोढ़ा कमिटी की सिफारिशें लागू करने के फैसले में कमियां गिना चुके एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने एक बार फिर कहा कि क्रिकेट में ज़्यादा दखल से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट संबंधों में दिक्कत आ सकती है. तीन जजों की बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस दीपक मिश्रा ने इस पर तल्ख लहज़े में कहा, "आखिर आप अब तक कहां थे? फैसला आए 6 महीने का वक़्त हो गया. पुनर्विचार याचिका भी ख़ारिज हो गयी. आपने पहले कुछ क्यों नहीं कहा?"


रोहतगी ने कहा, "मैं अपनी गलती मानता हूँ. लेकिन पहले ये फैसला सिर्फ बीसीसीआई के लिए था. अब इसे राज्य संघों तक फैला दिया गया है. इससे ये संकेत जा रहा है कि भारत में क्रिकेट प्रशासन स्वायत्त नहीं है. कोर्ट प्रशासकों की नियुक्ति 2 हफ्ते के लिए टाल दे. इस बीच कोई ऐसा हल निकाला जा सकता है जिससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बीसीसीआई को दिक्कत न हो."


हालांकि, कोर्ट ने मामले की सुनवाई 2 हफ्ते टालने की मांग को नामंजूर कर दिया. कोर्ट ने कहा, "ये मामला जहां तक आ गया है, हमें अब उससे आगे बढ़ना है. आप लोग अपनी तरफ से नाम सुझाएं. बाकी पहलुओं पर बाद में विचार किया जाएगा."


आज बीसीसीआई ने एक बार फिर आईसीसी की फरवरी के पहले हफ्ते में होनी वाली बैठक का मसला उठाया. बीसीसीआई ने कहा कि वित्तीय मसले पर हो रही बैठक में किसी अनुभवी पदाधिकारी का जाना जरूरी है.


इस पर कोर्ट ने बीसीसीआई से उसका प्रतिनिधित्व करने के लिए योग्य 3 पदाधिकारियों की लिस्ट सौंपने को कहा. कोर्ट ने कहा कि वो इनमें से एक नाम तय करेगा.