कीवी के पूर्व क्रिकेटर रॉस टेलर ने गुरुवार को अपनी बायोग्राफी में चौंकाने वाला खुलासा किया है. रॉस टेलर (Ross Taylor) ने न्यूजीलैंड क्रिकेट में नस्लवाद होने का दावा किया है. 'रॉस टेलर ब्लैक एंड व्हाइट' शीर्षक से अपनी बायोग्राफी में टेलर ने बयां किया कि न्यूजीलैंड में क्रिकेट एक साफ सुथरा खेल था और उन्होंने ड्रेसिंग रूम के अंदर नस्लवाद का अनुभव किया, क्योंकि वहां उन्हें 'बंटर' कह कर बुलाया जाता था.


टेलर को न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के ड्रेसिंग रूम में अलग अलग नाम से बुलाया जाता था. टेलर ने कहा, "न्यूजीलैंड में क्रिकेट को अच्छा खेल माना जाता है. अपने अधिकांश करियर मैं एक अलग खिलाड़ी रहा हूं. पूरी टीम में मैं अकेला भूरा चेहरे वाला खिलाड़ी था. इसकी अपनी चुनौतियां थीं, क्योंकि आपके साथियों और जनता मुझे अलग-अलग तरह से संबोधित करते थे."


न्यूजीलैंड हेराल्ड में प्रकाशित बायोग्राफी के एक अंश में टेलर ने लिखा, "यह देखते हुए कि पॉलिनेशियन समुदाय का खेल में कम प्रतिनिधित्व है. यह शायद कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि लोग कभी-कभी यह मान लेते हैं कि मैं माओरी या भारतीय हूं."


बेहद कामयाब बल्लेबाज रहे हैं रॉस टेलर


टेलर का ध्यान हालांकि इस ओर बाद में गया है. उन्होंने कहा, "एक स्पोर्ट्स डिग्री के हिस्से के रूप में विश्वविद्यालय में मीडिया में नस्लवाद का अध्ययन करने के बाद विक्टोरिया ने शायद उन चीजों पर ध्यान दिया जो कई अन्य लोगों ने नहीं देखा था."


टेलर न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के कप्तान भी रहे हैं. टेलर ने इस साल अप्रैल में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था, जिसमें उन्होंने 112 टेस्ट, 236 वनडे और 102 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले थे. अपने इंटरनेशनल करियर के दौरान रॉस टेलर बेहद कामयाब बल्लेबाज रहे और उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में 18 हजार से ज्यादा रन बनाए.


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