World Cup 2023: गुरुवार को न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम ने श्रीलंका को मात देकर सेमीफाइनल में जगह लगभग पक्की कर ली है. लेकिन न्यूजीलैंड की जीत के बाद वर्ल्ड कप का फॉर्मेट सवालों के घेरे में आ गया है. दरअसल, न्यूजीलैंड को वर्ल्ड कप में भारत, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका जैसी बड़ी टीमों से हार का सामना करना पड़ा है. बावजूद इसके न्यूजीलैंड की टीम बेहतर नेट रन रेट की वजह से प्वाइंट्स टेबल में नंबर 4 पर फिनिश करने में कामयाब हो गई है.


सवाल उठना इसलिए भी वाजिब है कि जब कोई टीम लीग स्टेज में ही बड़ी टीमों से बुरी तरह हारकर भी अगले राउंड में पहुंच जाए तो फिर टूर्नामेंट की विश्वसनीयता भी सवालों के घेरे में आ जाती है. न्यूजीलैंड ने इंग्लैंड को 9 विकेट से हराकर वर्ल्ड कप के अभियान की शुरुआत धमाकेदार अंदाज में की थी. लेकिन इसके बाद न्यूजीलैंड केवल उन्हीं टीमों को मात देने में कामयाब रही जो कि रैंकिंग में उससे नीचे मौजूद थीं.


न्यूजीलैंड के हारने का सिलसिला भारत के खिलाफ खेले गए मैच से शुरू हुआ था. न्यूजीलैंड को टीम इंडिया ने 274 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 4 विकेट से मात दी. इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम न्यूजीलैंड को 5 रन के अंतर से मात देने में कामयाब रही. दक्षिण अफ्रीका ने तो न्यूजीलैंड को 190 रन से हरा दिया. यहां तक की टूर्नामेंट में बेहद खराब प्रदर्शन कर रही पाकिस्तान की टीम ने भी न्यूजीलैंड को मात दी.


सवालों के घेरे में फॉर्मेट


लेकिन कमजोर टीमों के हराने के साथ नेट रन रेट को बेहतर बनाए रखना भी न्यूजीलैंड के फेवर में रहा. न्यूजीलैंड ने बांग्लादेश, अफगानिस्तान, नीदरलैंड्स और श्रीलंका के खिलाफ बड़े अंतर से जीत हासिल की. इस वजह से नीदरलैंड्स का नेट रन रेट काफी हाई हो गया. न्यूजीलैंड फिलहाल प्वाइंट्स टेबल में 10 प्वाइंट्स लेकर चौथे पायदान पर है और उसका सेमीफाइनल में खेलना लगभग तय है.


पाकिस्तान और अफगानिस्तान की टीम भी अगर अपने आखिरी मुकाबले जीतने में कामयाब रहते हैं तो उनके भी न्यूजीलैंड के बराबर 10 प्वाइंट हो जाएंगे. लेकिन नेट रन रेट के मामले में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लिए न्यूजीलैंड को पछाड़ना नामुमकिन है. इसी वजह से सवाल उठ रहा है कि आखिर यह वर्ल्ड कप का कैसा फॉर्मेट है जिसमें कमजोर टीमों को मात देकर एक देश सेमीफाइनल में जगह बना लेता है, जबकि बड़ी टीमों को हराने और बराबर प्वाइंट हासिल करने के बावजूद एक टीम को टॉप 4 से बाहर रहना पड़ता है.