सीओए की मंज़ूरी के बिना चैम्पियंस ट्रॉफी पर फैसला नहीं कर सकती BCCI : विनोद राय
नई दिल्ली: विनोद राय की अगुआई वाली प्रशासकों की समिति (सीओए) ने साफ कर दिया है कि सीओए की मंज़ूरी के बिना बीसीसीआई के पदाधिकारियों को भारत के चैम्पियंस ट्रॉफी में हिस्सा लेने के बारे में कोई फैसला करने का अधिकार नहीं है.
आईसीसी के राजस्व और संचालन मॉडल में बदलाव के विरोध पर हुए मतदान में बीसीसीआई की हार के बाद भारत के चैम्पियंस ट्रॉफी में हिस्सा लेने को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं, जिसके बाद राय ने यह टिप्पणी की है.
राय ने कहा, ‘‘हां, हमने निर्देश जारी किए हैं कि आईसीसी राजस्व मॉडल से संबंधित कोई भी फैसला आम सभा की विशेष बैठक (एसजीएम) में लिया जाना चाहिए, लेकिन बीसीसीआई इकाइयों को कहा गया है कि वे हमारी मंज़ूरी के बिना चैम्पियंस ट्रॉफी से हटने के मामले में कानूनी नोटिस जारी नहीं कर सकते.’’
सीओए को यह फरमान जारी करने को बाध्य होना पड़ा है क्योंकि पता चला है कि बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के 10 करीबियों ने टेलीकांफ्रेंस की, जहां टूर्नामेंट से हटने और वैश्विक संस्था के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के विकल्प पर चर्चा की गई. बीसीसीआई की एसजीएम सात मई को होनी है.
राय ने कहा, ‘‘हमें जानकारी मिली है कि कुछ अधिकारियों ने टेलीकांफ्रेंस की है और उपरोक्त मामले में फैसला करना चाहते हैं. यह समझने की जरूरत है कि इस तरह का फैसला जल्दबाजी में नहीं किया जा सकता. चैम्पियंस ट्रॉफी से हटने के कारण भारत अगले आठ साल तक आईसीसी टूर्नामेंट में नहीं खेल पाएगा. कुछ सदस्य इस पर फैसला नहीं कर सकते.’’
राय ने कहा कि अगर स्थिति आती है कि भारत को चैम्पियंस ट्रॉफी से हटने की जरूरत है तो बीसीसीआई एसजीएम में मतदान के पात्र सभी 30 सदस्यों का सर्वसम्मत फैसला होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘खंडित फैसला नहीं हो सकता जहां कुछ हटने के पक्ष में हों और कई सदस्य इस फैसले के खिलाफ हों. अगर आप मुझसे पूछो तो यह बड़ा कदम तभी लिया जाना चाहिए जब सभी 30 सदस्य सर्वसम्मति से फैसला करें कि हटना जरूरी है.’’ बीसीसीआई अधिकारियों का एक वर्ग पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर की अगुवाई वाली वैश्विक संस्था के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का प्रस्ताव पारित कराना चाहता है.
अगर बीसीसीआई एसजीएम में टूर्नामेंट से हटने का फैसला किया जाता है तो पूरी संभावना है कि सीओए सुप्रीम कोर्ट से निर्देश ले सकता है.
पिछले महीने आईसीसी बोर्ड की बैठक में प्रस्तावित राजस्व मॉडल को लेकर हुए मतदान में बीसीसीआई को 1-13 से शिकस्त का सामना करना पड़ा था.