कोलकाता: भारतीय टीम के पूर्व ऑफ स्पिनर ईरापल्ली प्रसन्ना ने विराट कोहली को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कोहली को लगता है कि वह भारतीय क्रिकेट का 'बॉस' हैं. कोहली की सोच अगर इस तरह की है तो फिर टीम कोच के बिना रह सकती है.



 



प्रसन्ना से जब कोहली और भारतीय टीम के कोच पद से इस्तीफा देने वाले कुंबले के बीच मतभेदों के बारे पूछा गया तो उन्होंने सपाट शब्दों में जवाब दिया.



 



उन्होंने कहा, 'उन्हें कोच की जरूरत क्यों है जब कप्तान ही बॉस है? मुझे तो यहां तक लगता है कि उन्हें बल्लेबाजी और क्षेत्ररक्षण कोच (संजय बांगड़ और आर श्रीधर) की भी जरूरत नहीं है.'  प्रसन्ना ने कोहली की कप्तानी क्षमताओं पर भी सवाल उठाये.



 



उन्होंने कहा, 'निसंदेह कोहली बहुत अच्छा खिलाड़ी है लेकिन मैं नहीं कह सकता कि वह अच्छा कप्तान है या नहीं. 'कुंबले ने चैंपियन्स ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान से हार के बाद मुख्य कोच पद छोड़ दिया था. उन्होंने कहा था कि कोहली को उनकी कोचिंग शैली से शिकायत है और यह साझेदारी अस्थिर है.



 



भारतीय टीम कोच के बिना ही वेस्टइंडीज दौरे पर गयी है जहां उसे पांच वनडे और एक टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलना है.



 



प्रसन्ना ने कहा, 'अगर अनिल कुंबले जैसे दिग्गज क्रिकेटर का सम्मान नहीं हो रहा है तो फिर मुझे नहीं लगता कि बांगड़ या श्रीधर में इतना दम होगा कि वे पूरे आत्मविश्वास के साथ कोहली से बात कर पाएं. इनमें से कोई भी कुंबले की तरह अनुभवी नहीं है." उन्होंने कहा, 'किसी को शारीरिक अभ्यास के लिये बुला दो और यही पर्याप्त है. अगर कप्तान का रवैया इस तरह का है तो मुझे नहीं लगता कि आपको कोच की जरूरत है.' 



 



प्रसन्ना ने कहा, 'अगर वह (कोहली) जिम्मेदारी लेता है तो हम पुराने दिनों में लौट सकते हैं जबकि तमाम चीजों की देखभाल के लिये मैनेजर नियुक्त किया जाता था. कोच की भूमिका परिभाषित नहीं की गयी है.' 'प्रसन्ना ने आगे कहा कि अब समय आ गया है कि भारत युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी से आगे के बारे में सोचे.



 



उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि वे 2019 में होने वाले अगले विश्व कप तक खेल जारी रखने में सफल रहेंगे. तब तक वे 38 साल के हो जाएंगे. हमें नये और युवा खिलाड़ी चाहिए जो बेहद चपल हों.' 'प्रसन्ना ने कहा, 'धोनी विकेटकीपर होगा लेकिन एक क्षेत्ररक्षक के रूप में युवराज बोझ बनता जा रहा है. चयनकर्ताओं को वेस्टइंडीज दौरे के लिये अधिक युवा खिलाड़ियों को आजमाना चाहिए था क्योंकि उनका सामना एक सबसे कमजोर टीम से है'