न्यूजीलैंड से हजारों हजारों किलोमीटर दूर इधर हिंदुस्तान में तिरंगा लहरा रहा था तो भारतीय टीम ने भी इसमें कोई कसर नहीं छोड़ी. ऑकलैंड में दूसरे टी-20 मैच में उसने मेजबान न्यूज़ीलैंड को 7 विकेट के बड़े अंतर से हराया. इस जीत के साथ ही भारतीय टीम पांच टी-20 मैचों की सीरीज में 2-0 से आगे हो गई है. अब कोई बहुत बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो टी-20 सीरीज में भारतीय टीम की जीत तय है. ये जीत इसलिए अहम होगी क्योंकि पिछले न्यूज़ीलैंड दौरे में भारत को टी-20 सीरीज में हार का सामना करना पड़ा था. इसके अलावा इस जीत का असर आईसीसी टी-20 रैंकिंग्स मे भी पड़ेगा. जहां भारतीय टीम टेस्ट और वनडे के मुकाबले काफी कमजोर नजर आती है. आज की जीत की सबसे बड़ी बात रही भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन. ऑकलैंड के मैदान में सिर्फ 2 दिन के भीतर भारतीय गेंदबाजी बिल्कुल अलग अंदाज में दिखाई दी. ऐसा लगा कि गेंदबाजों की रणनीति और ‘अप्रोच’ में 360 डिग्री का बदलाव हो गया हो. यही वजह थी कि पिछले मैच में 200 से ज्यादा रन बनाने वाली न्यूज़ीलैंड की टीम दूसरे टी-20 मैच में पांच विकेट हाथ में रहते हुए भी सिर्फ 132 रन ही बना पाई. टीम इंडिया के सामने सिर्फ 133 रनों का लक्ष्य था.

क्या खास था भारतीय गेंदबाजी में

भारतीय गेंदबाजों ने दूसरे टी-20 में पहले मैच के मुकाबले ज्यादा फुल लेंथ डिलेवरी की. इसके अलावा गेंदबाजों ने कीवियों को ज्यादा ‘रूम’ नहीं दिया. गेंदबाजी की रफ्तार तो पहले से ज्यादा थी ही. शमी ने और जान लगाकर गेंदबाजी की. पिच पर स्पिनर्स के लिए भी थोड़ी मदद थी. इसी का नतीजा हुआ कि स्पिन गेंदबाजों ने भी शानदार लाइन लेंथ के साथ गेंदबाजी की. जडेजा और युजवेंद्र चहल की गेंदों में थोड़ा ‘टर्न’ भी दिखाई दिया. आप भारतीय गेंदबाजों के आंकड़ें देखेंगे तो आपको समझ आएगा कि टी-20 जैसे फॉर्मेट में उन्होंने क्या कमाल की गेंदबाजी की है. ऑकलैंड के छोटे मैदान में रवींद्र जडेजा ने 4 ओवर में सिर्फ 18 रन देकर 2 विकेट लिए. जसप्रीत बुमराह ने 4 ओवर में सिर्फ 21 रन दिए. शमी ने भी 4 ओवर में 22 रन देकर 1 विकेट लिया. चहल ने 4 ओवर में 33, शिवम दुबे ने 2 ओवर में 16 और शार्दुल ठाकुर ने 2 ओवर में 21 रन दिए. शार्दुल ठाकुल इसलिए महंगे साबित हुए क्योंकि विराट कोहली ने उन्हें पहला ओवर फेंकने की जिम्मेदारी दी थी. जिसमें वो खासे महंगे साबित हुए. पहले ओवर में शार्दुल ठाकुर ने 13 रन दिए.

न्यूज़ीलैंड से कहां हुई गलती

न्यूज़ीलैंड की टीम से गलती इसलिए हुई क्योंकि उसके सभी टॉप ऑर्डर बल्लेबाजों ने 200 रन का लालच किया. पिछले टी-20 मैच में न्यूज़ीलैंड ने 200 के पार स्कोर बनाया था. लेकिन दूसरे टी-20 की पिच पहले मैच के मुक़ाबले अलग खेल रही थी. इस बात को समझे बग़ैर न्यूज़ीलैंड के बल्लेबाज़ जोखिम भरे शॉट्स खेलते रहे. टॉप ऑर्डर बल्लेबाज़ों में एक भी अच्छी साझेदारी नहीं देखने को मिली. भारतीय गेंदबाज़ों ने नाक में दम कर ही रखा था. ये बात पिछले मैच के मुक़ाबले इस मैच में कीवी बल्लेबाज़ों के स्ट्राइक रेट में आई गिरावट से समझी जा सकती है. न्यूज़ीलैंड की टीम का पहला विकेट छठे ओवर में गिरा. इसके बाद लगातार विकेट गिरते रहे. ऐसे में बल्लेबाज़ों को एक के बाद एक हवाई शॉट्स खेलकर आउट होने की बजाए क्रीज़ पर थोड़ी देर संयम दिखाने की ज़रूरत थी. ये
संयम मार्टिन गप्टिल, कॉलिन मुनरो और केन विलियम्सन ने नहीं दिखाया. ग्रैंडहोम इस मैच में भी नहीं चले. अनुभवी रॉस टेलर क्रीज़ पर टिके रहे लेकिन भारतीय गेंदबाज़ों ने उन पर भी अंकुश बनाए रखा. पाँच में से पहले दो मैच जीतकर भारतीय टीम ने टी-20 सीरीज़ जीत की उम्मीदें बढ़ा ही हैं जिसका फ़ायदा आईसीसी टी-20 रैंकिंग में भी दिखेगा.