नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद का मानना है कि ईशांत शर्मा को साउथ अफ्रीका दौरे पर टीम की अगुवाई करनी होगी. प्रसाद ने कहा कि इशांत अभी तक तक अपनी पूरी प्रतिभा की बानगी पेश नहीं की है.


भारत ने पांच जनवरी से केपटाउन में शुरू हो रही तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के लिये ईशांत, उमेश यादव, भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमरा के रूप में पांच तेज गेंदबाजों को चुना है. इन सभी में ईशांत सबसे अनुभवी है लेकिन प्लेइंग इलेवन में उनका स्थान पक्का नहीं है.


दस साल पहले टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने वाले ईशांत 79 टेस्ट खेलकर 226 विकेट ले चुके हैं.


प्रसाद ने कहा ,‘‘ ईशांत एक दशक से खेल रहा है और अब उसे आक्रमण की अगुवाई करनी चाहिये. पता नहीं क्या मसला है. उसके पास कद, रफ्तार और आक्रामकता है लेकिन वह अपनी प्रतिभा पूरी तरह से नहीं दिखा सका है. उसे वह भूमिका निभानी चाहिये जो जवागल श्रीनाथ, जहीर खान या कपिल देव ने अपने दौर में निभाई थी. ’’


साउथ अफ्रीका दौरे के लिये चुने गए भारतीय तेज गेंदबाजों के बारे में पूछने पर प्रसाद ने कहा कि विविधता की कमी नहीं है लेकिन देखना यह है कि वे हालात के अनुकूल खुद को कैसे ढालते हैं.


उन्होंने कहा ,‘‘ सभी एक दूसरे से अलग है. अब इतना अधिक क्रिकेट हो रहा है कि साउथ अफ्रीका की पिचें वैसी नहीं रह गई है जो 10-15 साल पहले हुआ करती थी. अतिरिक्त उछाल का हालांकि तेज गेंदबाजों को फायदा मिलेगा लेकिन देखना यह है कि भारतीय गेंदबाज हालात के अनुकूल खुद को कैसे ढालते हैं .’’


वनडे और टी20 क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे बुमरा को पहली बार टेस्ट टीम में शामिल किया गया है. प्रसाद ने कहा ,‘‘ उसने अच्छा प्रदर्शन किया और इसी वजह से उसे चुना गया है. देखते हैं कि वह कैसा प्रदर्शन करता है. टेस्ट क्रिकेट में गेंदबाजी सीमित ओवरों में गेंदबाजी से अलग है .’’


साउथ अफ्रीका के पास डेल स्टेन, मोर्नी मोर्कल, वेर्नोन फिलैंडर और कागिसो रबाडा जैसे गेंदबाज हैं. प्रसाद का मानना है कि चोट के बाद वापसी कर रहे स्टेल और मोर्कल भारत के लिये उतना बड़ा खतरा नहीं होंगे लेकिन रबाडा से सावधान रहने की जरूरत है.


उन्होंने कहा ,‘‘मुझे नहीं लगता कि स्टेन या मोर्कल से बड़ा खतरा है. भारत को रबाडा से बचकर रहना होगा. वह युवा है और उसके पास रफ्तार है जिससे बल्लेबाज को असमान उछाल का सामना करना पड़ता है .’’