मोहाली: टीम इंडिया के ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा को बल्ले से बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाने के लिए कई बार आलोचनाओं का शिकार होना पड़ता है. लेकिन आज तीसरे टेस्ट के तीसरे उन्होंने अपने आलोचकों को जवाब देते हुए इंग्लैंड के खिलाफ अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ टेस्ट पारी खेली.
जडेजा ने विनम्रता से कहा लेकिन उनकी बात में व्यंग्य साफ दिख रहा था, जब उन्होंने कहा कि वह सिर्फ ‘विशेषज्ञ बल्लेबाज’ की तरह ही सोचते नहीं हैं बल्कि वह एक बल्लेबाज हैं.
जडेजा के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट स्कोर 90 रन की बदौलत भारत ने पहली पारी में 134 रन की बढ़त बनायी, जिससे इंग्लैंड की टीम मैच के तीसरे दिन काफी दबाव में आ गयी.
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह बल्लेबाजी करते हुए ज्यादा जिम्मेदार बन गये हैं क्योंकि आज उनके डिफेंसिव खेल को देखते हुए यह साफ झलक रहा था तो उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि मैं खुद को बल्लेबाज मानता हूं, बल्कि मैं बल्लेबाज हूं. ’’ उन्होंने अपना पक्ष साबित करने के लिए आंकड़ों का भी सहारा लिया.
सौराष्ट्र के इस ऑल राउंडर ने कहा, ‘‘मैं फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 53 के औसत (ईएसपीएनक्रिकइंफो के हिसाब से 43 के औसत से) से रन बना रहा हूं, अगर आप टेस्ट मैचों को अगल रख दें तो ऐसा ही है. ऐसा पहली बार नहीं है जब मैंने 90 रन बनाए हैं.’’
सौराष्ट्र के इस क्रिकेटर ने कहा हां, टेस्ट में पहली बार है लेकिन मुझे बल्लेबाजी करने का अनुभव है. मैं जल्दबाजी में नहीं था, 50,60,70 गेंद के बाद ये समझ में आ गया कि इस स्लो विकेट पर रन कर सकता हूं.
जडेजा से जब उनकी लॉर्ड्स में खेली 68 रन की पारी और मोहाली की पारी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि टीम के लिए खेली गई हरेक पारी बेहतरीन होती है.
जडेजा ने आउट होने से पहले आक्रामक बल्लेबाजी का नमुना पेश करते हुए वोक्स के एक ओवर में चार चौके लगाए. अपनी आक्रामकता को लेकर उन्होंने कहा कि इंग्लैंड के गेंदबाज बोरिंग लाइन पर गेंदबाजी कर रहे थे और इसलिए कुछ बड़े शॉट खेलने का मूड बनाया. रविवार को चेतेशव्वर पुजारा ने भी इंग्लैंड के गेंदबाजों के द्वारा निगेटिव गेंदबाजी की बात की थी. जडेजा ने कहा कि उनके गेंदबाद ऑफ स्टंप से बाहर गेंदबाजी कर रहे थे इसलिए मैंने उन्हें परेशान करने के लिए मैंने अलग अंदाज में बल्लेबाजी करने का सोचा.