क्रिकेट के नजरिए से 2 जून का दिन ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों का दिन है. एक ही दिन देश के तीम महान खिलाड़ियों ने जन्म लिया. दो खिलाड़ी चार मिनट के अंदर जन्म लिए तो एक 24 साल के बाद इस दुनिया में आए. लेकिन तीनों के लिए अगर एक शब्द में कुछ लिखना हो तो वो है महान.


हम बात कर रहे हैं क्रिकेट दुनिया के पहले जुड़वा भाईयों की जो एक साथ मैदान पर उतरे. वहीं दूसरी तरफ वो खिलाड़ी जो टीम में बन कर तो आया था एक लेग स्पिन गेंदबाज लेकिन कुछ ही समय में टीम का नंबर वन बल्लेबाज और फिर कप्तान बन गया.


पहले बात वॉ ब्रदर्स की
2 जून 1965 में चार मिनट के अंदर जुड़वा भाईयों नें जन्म लिया. पहले स्टिव वॉ ने जन्म लिया तो चार मिनट बाद मार्क वॉ ने. स्टिव ने 20 साल की उम्र में अपना पहला टेस्ट खेला तो मार्क को 26 साल लग गए बैगी ग्रीन हासिल करने में. सबसे बड़ी बात यह है कि मार्क को टीम में स्टीव की जगह शामिल किया गया था. लेकिन फिर बाद में मैनेजमेंट को एक ऑलराउंडर की जरूरत महसूस हुई और स्टीव की टीम में वापसी हुई. जिसके बाद इतिहास बना जब पहली बार कोई जुड़वा भाई एक साथ मैदान पर था. दोनों ने 108 टेस्ट साथ खेले जो खुद में एक रिकॉर्ड है.


स्टीव वॉ ने अपना पहला और आखिरी टेस्ट भारत के खिलाफ खेला और दोनों ही मुकाबले ड्रॉ रहे थे. स्टीव टेस्ट के साथ-साथ वनडे में भी काफी सफल रहे और देश के लिए दूसरा विश्व कप जीता था. उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 168 मुकाबले खेले जो कि सचिन तेंदुलकर के बाद संयुक्त रूप से दूसरा सबसे अधिक है. 260 पारी में 51.06 की बेहतरीन औसत के साथ 10927 रन बनाए जिसमें 32 शतक और 50 अर्द्धशतक शामिल रहे. उन्होंने टेस्ट में 92 विकेट भी झटके. वहीं बात वनडे क्रिकेट की करें तो स्टीव नें 325 मुकाबले खेले जिसमें 32.90 की औसत से 7569 रन बनाए. उन्होंने 3 शतक और 45 अर्द्धशतक लगाए. वनडे में उन्होंने 195 विकेट भी अपने नाम किए. स्टीव को क्रिकेट इतिहास के महान कप्तानों में गिना जाता है. उनकी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने लगातार 16 टेस्ट जीतने का विश्व रिकॉर्ड बनाया था.

बात अगर मार्क वॉ की करें तो उन्होंने 128 टेस्ट की 209 पारी में 41.81 की औसत से 8029 रन बनाए जिसमें 20 शतक और 47 अर्द्धशतक रहे. टीम के पूर्व कप्तान मार्क टेलर मार्क की बल्लेबाजी से काफी प्रभावित थे और कहते थे कि लेग साइड में उनसे बेहतरन प्लेयर नहीं देखा. मार्क वनडे में भी काफी सफल रहे और 244 मैच की 236 पारी में 39.35 की औसत से 8500 रन बनाए. इस दौरान उन्होंने 18 शतक और 50 अर्द्धशतक लगाए. टेस्ट में जहां उन्होंने 59 विकेट झटके वहीं वनडे में 85 विकेट अपने नाम किया.







 


अब बात स्टीव स्मिथ की
टी 20 मैच में एक लेग स्पिनर के रूप में टीम से जुड़े. उसी महीने वनडे टीम में शामिल हुए और कुछ महीने बाद टेस्ट टीम में आए. काम एक लेग स्पिनर का था लेकिन अंदर एक बल्लेबाज भी था और बल्लेबाज ऐसा जो कि मैच दर मैच महान बनता गया. फिर वो समय भी आया जब स्टीव के हाथों में तीनों फॉर्मेट की कमान थी. अपने अनोखे बल्लेबाजी अंदाज के साथ स्टीव लगातार सफलताओं की सीढी चढ़ते रहे और एक समय ऐसा आया जब उनकी रैंकिंग प्वाइंट डॉन ब्रैडमैन की बराबरी करने के कगार पर खड़ा था लेकिन फिर ऐसा हुआ जिसने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के साथ पूरी दुनिया को तोड़ दिया.


साउथ अफ्रीका में हुए बॉल टेंपरिंग मामले में स्मिथ पर एक साल का बैन लगा जिसके कारण वो हर तरह के क्रिकेट से दूर हो गए. हर क्रिकेट फैन उनकी जल्द वापसी की कामना कर रहा होगा.


अब तक स्मिथ ने टेस्ट क्रिकेट में 64 मुकाबले खेले हैं जिसमें 61.37 के असाधारण औसत से 6199 रन बनाए हैं. उन्होंने अब तक 23 शतक और 24 अर्द्धशतक शामिल हैं.