On This Day: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी किसी परिचय के मोहताज नहीं है. राची जैसे छोटे शहर से निकलर धोनी ने भारतीय क्रिकेट टीम के शक्लों सुरत को बदलकर रख दिया. धोनी की कप्तानी में ही 28 साल के बाद वर्ल्डकप का खिताब भारत की झोली में आया. धोनी ही वो कप्तान हैं जिन्होंने टी-20 क्रिकेट में पहला वर्ल्डकप जीतने का गौरव हासिल किया.
यही वजह है कि इस विकेटकीपर बल्लेबाज को भारत के सबसे सफल कप्तानों में शुमार किया, लेकिन करियर के शुरुआती कुछ मैचों में धोनी पूरी तरह से फ्लॉप रहे थे. बांग्लादेश के खिलाफ धोनी अपने पहले मैच में शून्य पर आउट हो गए थे.
इसके बाद अगले तीन मैचों में धोनी का स्कोर 12, 7 और 3 रहा था. धोनी के इस प्रदर्शन को देखकर उनके टीम में रहने पर सवाल उठने लगे, लेकिन मौजूदा कप्तान सौरव गांगुली ने धोनी पर भरोसा जताया. गांगुली ने धोनी को कुछ और मैचों मौका देने का फैसला किया लेकिन किसे पता था कि गांगुली का यह फैसला भारतीय क्रिकेट के इतिहास को बदल कर रख देगा.
5 अप्रैल 2005 के दिन धोनी ने एक ऐसी पारी खेली जिसने उनके करियर को बदलकर रख दिया. आज से ठीक 13 साल पहले धोनी ने जिस तरह अपनी बल्लेबाजी से कोहराम मचाया था, उसने टीम में उनकी जगह पक्की कर दी.
वनडे करियर में धोनी ने आज ही के दिन अपना पहला शतक जड़ा था. धोनी ने वाइजग के मैदान पर पाकिस्तान के खिलाफ 123 गेंदों में धमाकेदार 148 रनों की पारी खेली थी. धोनी की इस पारी ने उनके पूरे खेल को बदलकर रख दिया. 148 रनों की इस पारी में धोनी ने 15 चौके और 4 छक्के जड़े थे. इस मुकाबले को भारत ने 28 रनों से जीता था.
यह पहला मौका था जब दुनिया ने पहली बार धोनी की बल्लेबाजी का दीदार किया था. इस पारी के बाद धोनी ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा. इसके बाद धोनी टीम के लिए फिनिशर की भूमिका में आ गए.
वनडे क्रिकेट में धोनी ने 10 शतकों के साथ 67 अर्द्धशतक लगाए हैं. धोनी टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं लेकिन 318 वनडे में उन्होंने 9967 बना चुके हैं. इस दौरान उनका रन बनाने का औसत 51.37 रहा है.
टेस्ट क्रिकेट में 90 मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 4876 रन बनाए हैं. टेस्ट में धोनी ने 6 शतक और 53 अर्द्धशतक शामिल है.