भारतीय क्रिकेट टीम टेस्ट क्रिकेट में नित नए आयाम गढ़ रही है. लेकिन भारतीय टीम क्रिकेट जगत में अपनी एक अलग पहचान, अपना एक अलग नाम बनाएगी. इसकी शुरुआत सालों पहले ही हो चुकी थी. भारतीय क्रिकेट के इतिहास में ऐसा ही आज का इतिहास भी है. आज से 40 साल पहले भारतीय टीम ने एक ऐसे मुकाबले में लगभग जीत हासिल कर ली थी जिसे चेज़ करना आज भी नामुमकिन माना जाता है.

आज का इतिहास:
साल 1979 में भारत और इंग्लैंड के बीच इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज़ खेली गई. जिसका चौथा टेस्ट भारत और इंग्लैंड के बीच 30 अगस्त से 4 सितम्बर के बीच खेला गया.

इस मुकाबले में मजबूत लाइनअप वाली इंग्लैंड की टीम ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 305 रन बनाए. जिसके जवाब में भारतीय टीम की पहली पारी 202 रनों पर सिमट गई. इंग्लैंड की टीम को पहली पारी के आधार पर 103 रनों की विशाल बढ़त मिल चुकी थी. इसके बाद भी इंग्लैंड की टीम ने दूसरी पारी में ऐसा खेल दिखाया और विशाल 334 रन बनाकर पारी घोषित कर दी.

भारत के सामने चौथी पारी में कुल 438 रनों का लक्ष्य था. किसी को भी ऐसा नहीं लग रहा था कि भारत इस स्कोर के आसपास भी पहुंच पाएगा. लेकिन इसके बाद दूसरी पारी में सुनील गावस्कर ने ऐसा खेल दिखाया कि फिर इंग्लैंड की टीम ने लगभग उम्मीदें छोड़ दी.

सुनील गावस्कर ने चेतन चौहान के साथ मिलकर पारी की शुरुआत की. दोनों बल्लेबाज़ों ने ऐसी लाजवाब बल्लेबाज़ी की फिर इंग्लैंड के गेंदबाज़ चारों खाने चित हो गए. इन दोनों ने पहले विकेट के लिए 213 रनों की अहम साझेदारी निभाई.

इसके बाद चौहान 80 रन बनाकर आउट हो गए. लेकिन गावस्कर एक छोर पर डटे रहे और 221 रनों की अहम पारी खेली. लेकिन लक्ष्य से 49 रन पहले ही गावस्कर आउट हो गए और भारतीय टीम इस मैच को जीतने से 9 रनों से चूक गई.

438 रनों के जवाब में मैच खत्म होने तक भारतीय टीम 8 विकेट खोकर 429 रन बनाए और ये मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ.