बॉल ऑफ द सेंचुरी, जिसके बाद बदल गई वार्न की किस्मत
25 साल पहले टेनिस और फुटबॉल के बीच इंग्लैंड में शेन वार्न ने अपनी पहली गेंद से वो कारनाम कर दिखाया जिसकी उम्मीद उन्हें भी नहीं रही होगी.
साल 1993, एक तरफ पीट संप्रास विंबलडन में अपना वर्चस्व बना रहे थे थो दूसरी तरफ मैनचेस्टर यूनाईटेड ने पहला प्रीमियर लीग खिताब जीता था. इन दोनों के बीच ओल्ड ट्रैफर्ड के मैदान में एक गेंद ने ऐसी सनसनी मचाई जिसकी धमक आज भी दिखाई देती है. 25 साल पहले टेनिस और फुटबॉल के बीच इंग्लैंड में शेन वार्न ने अपनी पहली गेंद से वो कारनाम कर दिखाया जिसकी उम्मीद उन्हें भी नहीं रही होगी.
4 जून 1993 ये वही दिन है जिस दिन शेन वार्न ने बॉल ऑफ द सेंचुरी फेंक क्रिकेट की दुनिया में इस बात का एलान कर दिया था कि लेग स्पिन का शहंशाह अब अश्वमेघी यज्ञ के लिए तैयार है. इस एक गेंद ने शेन वार्न को उनकी खोई और धुमिल होती प्रतिभा को एक नई जान दी जिसके बाद वार्न कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखे और टेस्ट क्रिकेट में गेंदबाजी के शिखर पर पहुंचे. 2007 में क्रिकेट को अलविदा कहने के समय उनके खाते में टेस्ट क्रिकेट के 708 विकेट दर्ज थे. 37 बार तो उन्होंने पारी में पांच या इससे अधिक विकेट झटके तो 10 बार मैच में 10 विकेट लिए.
वार्न के इस आंकड़े पर पहुंचने से पहले उस गेंद से पहले के आंकड़े को टटोलते हैं जो उनके करियर से बिलकुल अलग था. भारत के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत करने वाले वार्न को पहले मैच में सिर्फ 1 विकेट मिला था और 150 से ज्यादा रन लुटाए थे. खराब शुरुआत के बाद भी वार्न टीम में बने हुए थे और बॉल ऑफ दी सेंचुरी से पहले 11 मैच में सिर्फ 31 विकेट ले पाए थे.
दूसरे दिन लंच से पहले कप्तान एलन बोर्डर ने गेंद वार्न को थमाई. पिच पर स्पिनर के लिए मदद दिख रही थी. वार्न पहली बार इंग्लैंड के खिलाफ गेंदबाजी के लिए आए और सात सेकेंड में सब बदल गया. वार्न के हाथ से गेंद निकलने के बाद पिच पर क्या हुआ इसका अंदाजा उस समय के बेहतरीन बल्लेबाज माइक गेटिंग को तब पता चला जब बॉल ऑफ स्टंप से टकरा चुकी थी. गेंद ऑफ साइड से ट्रेवल करते हुए गेंटिंग के लेग स्टंप से बाहर टप्पा खाई, गेटिंग गेंद को खेलने गए लेकिन गेंद ने ऐसी करतब दिखाई की गेटिंग कुछ समझ ही नहीं पाए.
क्रिकेट का खेल भले ही नई शताब्दी में नए फॉर्मेट के साथ प्रवेश किया हो लेकिन आज तक इस एक गेंद का तोड़ कोई भी गेंदबाज नहीं निकाल पाया खुद शेन वार्न कई बेहतरीन लेग स्पिन गेंद से विकेट उड़ाएं हो लेकिन इसे दोहरा नहीं पाए. बॉल ऑफ द सेंचुरी के इस सिल्वर जुबली मौके पर आईसीसी ने वीडियो पोस्ट किया. जिसमें वार्न ने कहा, एक लेग स्पिनर के तौर पर आप हमेशा एक पर्फेक्ट लेग स्पिन करना चाहते हैं और मैं ये पहली बार में ही कर गया. इस एक गेंद ने मेरी पूरी जिन्दगी बदल दी.
"The ball of the century was a fluke. It really was. I never did it again in the first ball at any time."
— ICC (@ICC) June 4, 2018
It's 25 years since @ShaneWarne bamboozled Mike Gatting with his very first Ashes ball! https://t.co/HRcAcdC9Vo pic.twitter.com/2VpptwnpAe