रोल मॉडल बनने के लिए सचिन तेंदुलकर ने चुकाई है भारी कीमत, पिता को किया वादा भी निभाया
Sachin Tendulkar: 29 मई, सोमवार को विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर सचिन तेंदुलकर ने बताया कि कैसे उन्होंने कभी तंबाकू उत्पादों का समर्थन ना करके अपनी पिता का वादा कायम रखा.
Sachin Tendulkar On Tobacco Products Promotion: पूर्व दिग्गज भारतीय बल्लेबाज़ सचिन तेंदुलकर ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर (World No Tobacco Day) बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने हमेशा अपने पिता रमेश तेंदुलकर की सलाह को ध्यान में रखा और कभी तंबाकू वाले उत्पादों का प्रचार नहीं किया. दिग्गज तेंदुलकर ने बताया कि उनके पिता ने कहा था कि कभी भी तंबाकू उत्पादों का प्रचार नहीं करना.
एक टीवी चैनल पर बात करते हुए सचिन तेंदलुकर ने कहा, “जब मैंने इंडिया के लिए खेलना शुरू किया था, तब मैं स्कूल से निकला था. मुझे कई विज्ञापनों का ऑफर मिलने लगे थे, लेकिन मेरे पिता ने मुझे तंबाकू उत्पादों को बढ़ावा नहीं देने के लिए कहा. मुझे बहुत ऑफर मिले लेकिन मैंने उनमें से किसी को भी स्वीकार नहीं किया.”
बल्ले पर भी नहीं किया था किसी स्टीकर का उपयोग
सचिन तेंदुलकर ने बताया कि उन्होंने दो सालों तक बल्ले पर किसी तरह का स्टीकर भी नहीं लगाया था, जबकि बाकी खिलाड़ी सिगरेट के ब्रांड को प्रमोट कर रहे थे. मुझे बल्ले पर स्टीकर लगाने की सलाह दी गई थी, लेकिन पिता की सलाह के आगे सबको नकार दिया.
सचिन ने कहा, “यह वादा था जो मैंने अपने पिता से किया था. उन्होंने मुझसे कहा था कि मैं रोल मॉडल हूं और कई लोग उस चीज़ को फॉलो करेंगे जो मैं करूंगा. यही कारण है कि मैंने कभी तंबाकू उत्पादों या शराब का समर्थन नहीं किया है. 1990 के दशक में मेरे बल्ले पर स्टिकर नहीं लगा था, मेरे पास कोई कॉन्ट्रेक्ट नहीं था. लेकिन टीम में बाकी सभी विशेष ब्रांड्स का समर्थन कर रहे थे."
कभी नहीं तोड़ा पिता का वादा
दिग्गज ने कहा, “मैंने उस वादे को नहीं तोड़ा जो मैंने इन ब्रांडों का विज्ञापन न करके अपने पिता को दिया था. मुझे अपने बल्ले पर स्टिकर लगाकर ब्रांड का प्रचार करने के लिए उनसे कई ऑफर मिले, लेकिन मैं उन सभी का प्रचार नहीं करना चाहता था. मैं हमेशा इन दो चीजों से दूर रहा और अपने पिता का वादा कभी नहीं तोड़ा.”
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