भारतीय क्रिकेट टीम के मेंटल कनडिशिंग कोच रहे पैडी अप्टन ने कहा कि जब महेंद्र सिंह धोनी ने वनडे टीम की कप्तानी ली थी तब वह इस बात को सुनिश्चित करते थे कि कोई भी प्रैक्टिस के लिए देरी से न आए.

अपनी नई किताब 'द बेयरफुट कोच' के एक कार्यक्रम के मौके पर अप्टन ने बताया कि किस तरह उस समय के टेस्ट कप्तान अनिल कुंबले और वनडे कप्तान धोनी नए तरीके और विचार लेकर आए.

उन्होंने कहा, "मैं जब भारतीय टीम के साथ जुड़ा तब अनिल कुंबले टेस्ट टीम और धोनी वनडे टीम के कप्तान थे. हमारी टीम में एक बहुत अच्छी स्वशासन की प्रक्रिया थी. हमने टीम से कहा था कि प्रैक्टिस और टीम मिटिंग के लिए समय पर आना बेहद जरूरी है."

उन्होंने कहा, "इसलिए हमने टीम से कहा कि अगर कोई खिलाड़ी देरी से आता है तो ऐसी क्या चीज है जो वो छोड़ सकता है? हमने आपस में यह बात की और खिलाड़ियों ने अंतत: इसे कप्तान के जिम्मे छोड़ दिया."

कुंबले ने कहा कि देर से आने वाले पर 10,000 रुपये जुर्माना लगेगा, लेकिन धोनी ने इससे भी बड़ी सजा बताई और कहा कि अगर कोई खिलाड़ी देरी से आता है तो पूरी टीम मिलकर 10,000 रुपये देगी.

अप्टन ने कहा, "टेस्ट टीम में कुंबले ने कहा था कि देरी से आने पर 10,000 का जुर्माना होगा लेकिन जब हमने वनडे टीम के कप्तान धोनी से बात की तो उन्होंने कहा कि सजा मिलनी चाहिए इसलिए अगर कोई देरी से आता है तो टीम को 10,000 रुपये का जुर्माना देना होगा. वनडे टीम में कोई भी कभी भी देरी से नहीं आता था."

अप्टन ने धोनी के शांतचित्त रहने की तारीफ की और कहा, "उनकी असल क्षमता उनका शांत रहना है. मैच में कैसी भी स्थिति हो वह शांत रहते हैं."