तालिबान के काबुल में काबिज होने के बाद इमरान जिस जश्न में डूबे हैं उसकी कीमत उन्हें अपने मुल्क में क्रिकेट की जमीन बंजर कर चुकानी पड़ सकती है. न्यूजीलैंड को अगले महीने पांच वनडे और तीन टी20 मैच खेलने पर हैं. लेकिन अब तालिबान के खतरे को देखते हुए यह दौरा खटाई में पड़ता दिख रहा है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री होने के साथ इमरान खान की शोहरत पूर्व क्रिकेटर की भी है. लेकिन अब इमरान खान ने अपने ही देश में क्रिकेट को भविष्य को अंधकार में डाल दिया है. इमरान खान ने तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे का समर्थन किया है. लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाड़ी अब पाकिस्तान का दौरा करने से डर रहे हैं.
सुरक्षा कारणों से न्यूजीलैंड के खिलाड़ी चिंतित हैं और न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड ने खिलाड़ियों से पहले सुरक्षा सलाहकार को पाकिस्तान रवाना करने का फैसला किया है. न्यूजीलैंड के बाद इंग्लैंड को भी पाकिस्तान का दौरा करना है लेकिन अब ये दौरे पर भी सस्पेंस बढ़ गया है.
खतरे में क्रिकेट का भविष्य
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पहले से ही आतंकी हमले की मार झेल रहा है. 2009 में पाकिस्तान दौरे पर आई श्रीलंका टीम पर लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में आतंकी हमला हो गया था. जिसके बाद पाकिस्तान में क्रिकेट मैच बंद हो गए. इसके बाद पाकिस्तान को यूएई को अपना होम ग्राउंड बनाना पड़ा था.
10 साल तक दुनिया की बड़ी क्रिकेट टीमों ने आतंक के डर से पाकिस्तान में कदम नहीं रखे. जिम्बावे, केन्या और अफगानिस्तान जैसी टीम ने 1-1 सीरीज खेली. 2019 में श्रीलंका की टीम पाकिस्तान में वनडे और टी20 सीरीज खेलने पहुंची. इस साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका की टीम पाकिस्तान का दौरा करने वाली बड़ी टीम बनी थी. लेकिन अब इमरान खान ने जिस तरह से तालिबान का समर्थन किया है उससे देश में क्रिकेट का भविष्य दोबारा से खतरे में पड़ गया है.
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