'कॉफी विद करण' विवाद पर पांड्यां और राहुल ने बिना शर्त माफी मांगी, BCCI के अधिकारियों ने की मीटिंग की मांग
दोनों खिलाड़ियों के बिना शर्त माफी मांगने के बावजूद भी बीसीसीआई की 10 यूनिट्स ने इस मामले की जांच के लिए लोकपाल नियुक्त करने के लिए विशेष जनरल मीटिंग बुलाने की मांग की हैं.
टीवी शो 'कॉफी विद करण' में महिलाओं पर आपत्तिजनक बयान देने की वजह से सस्पेंड हुए क्रिकेटर हार्दिक पांड्या और लोकेश राहुल ने BCCI से 'बिना शर्त' माफी मांगी है. इस बीच प्रशासकों की समिति (सीएओ) के अध्यक्ष विनोद राय ने कहा कि बीसीसीआई को दोनों खिलाड़ियों के करियर को खतरे में डालने की जगह उनमें सुधार करने पर ध्यान देना चाहिए.
हालांकि दोनों खिलाड़ियों के बिना शर्त माफी मांगने के बावजूद भी बीसीसीआई की 10 यूनिट्स ने इस मामले की जांच के लिए लोकपाल नियुक्त करने के लिए स्पेशल जनरल मीटिंग (SGM) बुलाने की मांग की हैं. सीओए में राय की सहयोगी डायना इडुल्जी चाहती है कि यह जांच सीओए और बीसीसीआई के अधिकारी करें.
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बताया, 'हां, हार्दिक और राहुल ने फिर से जारी किये गये कारण बताओ नोटिस का जवाब दे दिया है. उन्होंने बिना शर्त माफी मांगी है. सीओए प्रमुख ने बीसीसीआई के नये संविधान की धारा 41 (सी) के तहत मुख्य कार्यकारी अधिकारी (राहुल जौहरी) को मामले की जांच का निर्देश दिया है.'
डडुल्जी को लगता है कि ऐसा होने पर मामले को निपटाने की कोशिश की जाएगी. पांड्या ने कार्यक्रम के दौरान कई महिलाओं के साथ संबंध होने का दावा किया और यह भी बताया कि वह इस मामले में अपने परिजनों के साथ भी खुलकर बात करता है. भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भी पांड्या और राहुल की टिप्पणियों पर नाराजगी जताई थी.
ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच से संस्पेंड किए गए इन दोनों खिलाड़ियों के करियर पर भी सवालिया निशान लग गया है. वनडे वर्ल्ड कप के शुरू होने में चार महीने से भी कम समय बचा है. राय ने इडुल्जी को भेजे मेल में कहा, 'बीसीसीआई को युवा खिलाडियों का करियर खत्म नहीं करना चाहिए.'
राय ने लिखा, 'कृपया इस बात को लेकर आश्वस्त रहे कि मामले की जांच में लीपापोती नहीं होगी. भारतीय क्रिकेट के हित को ध्यान में रखना होगा. मैदान से बाहर दोनों खिलाड़ियों का यह आचरण निंदनीय है. मैंने मामले का पता चलने के तुरंत बाद कहा था यह मूर्खतापूर्ण है.'
उन्होंने कहा, 'यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उन्हें फटकारें, सुधारात्मक कार्रवाई करें, उन्हें गलत कामों के बारे में सचेत करें और इसकी सजा (परिणाम भुगतने) के बाद उन्हें फिर से मैदान पर उतारें.'
सीईओ प्रमुख् ने कहा, 'धारा 41(सी) के तहत सीईओ को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए और खिलाड़ियों की प्रतिक्रिया लेकर मामले की जांच करनी चाहिए. उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि न्याय सही मिले.'
राय ने कहा, '17 जनवरी को होने वाली सुनवाई के लिए हमने सुप्रीम कोर्ट से लोकपाल की नियुक्ति की मांग की है. अगर न्यायालय लोकपाल की नियुक्ति नहीं करता है तो भी कानूनी सलाह के तहत हमें लोकपाल के साथ जांच को आगे बढ़ाना चाहिए.' उन्होंने आगे कहा, 'सीईओ की जांच रिपोर्ट पर नियुक्त लोकपाल खिलाड़ियों के मामले में अंतिम फैसला ले सकेंगे.' इससे जुड़े एक अन्य मामले में कार्यवाहक बोर्ड अध्यक्ष सीके खन्ना को 10 राज्यों की इकाइयों ने जल्द से जल्द विशेष आम बैठक बुलाने की मांग की है.
वहीं बोर्ड ने रविवार को दोनों खिलाड़ियों के रिप्लेसमेंट के तौर पर शुभमन गिल और विजय शंकर के नाम का एलान किया है. विजय शंकर दूसरे वनडे से ठीक पहले टीम के साथ जुड़े, जबकि शुभमन न्यूजीलैंड दौरे पर टीम का हिस्सा बनेंगे.