कोलकाता: स्थानीय क्रिकेट लीग में नाबाद 413 रन बनाकर इतिहास रचने वाले बंगाल के युवा बल्लेबाज पंकज शॉ ने कहा है कि उनका नाम इतिहास में तो आ गया है कि लेकिन वह अब नए लक्ष्यों पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं. शॉ ने रविवार को ऐतिहासिक पारी खेल भारतीय क्रिकेट जगत की सुर्खियां में आए.
उन्होंने सीएबी द्वारा कराए जा रहे प्रथम श्रेणी लीग टूर्नामेंट में बारिशा स्पोर्टिग के लिए खेलते हुए दक्षिण कला संसद (डीकेएस) के खिलाफ तीन दिवसीय मैच में यह कारनामा किया.
पंकज ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, "मुझे दादा (सौरव गांगुली) की तरफ से बधाई मिली."
उन्होंने कहा, "मैं कल बनाए गए 413 रनों के बारे में नहीं सोच रहा हूं. यह अब अतीत है. मैं बंगाल की टीम में अपनी जगह पक्की करना चाहता हूं और उसके आगे बढ़ना चाहता हूं."
पंकज ने पिछले साल रणजी ट्रॉफी में बंगाल की ओर से पदार्पण किया था. उन्होंने अपनी 413 रनों की नाबाद पारी में 44 चौके और 23 छक्के लगाए. पंकज के पिता कोलकाता के राजाहाट में एक छोटी से किराने की दुकान चलाते हैं.
पंकज ने कहा, "मैंने यह तक आने के लिए काफी संघर्ष किया है. जब मैं छोटा था तब मेरे पिता की नौकरी चली गई थी. हम कम संसाधनों में बड़े हुए हैं. मेरे घर के सामने बड़ा मैदान है, मैं वहां खेलकर बड़ा हुआ हूं. एक समय जब मेरे दोस्त मेरे साथ नहीं होते थे तब मेरी मां मुझे गेंदबाजी करती थी."