पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी इंडिया के अब तक के सबसे कामयाब विकेटकीपर बल्लेबाज रहे हैं. हालांकि माना जाता है कि धोनी की वजह से उनसे पहले डेब्यू करने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल और दिनेश कार्तिक का करियर ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाया. दिनेश कार्तिक फिर भी पिछले कुछ सालों में लिमिटिड ओवर्स क्रिकेट खेलते हुए नज़र आए हैं, लेकिन पटेल 2018 के बाद से टीम इंडिया के लिए नहीं खेल पाए.


पार्थिव पटेल ने 17 साल की उम्र में 2002 में ही टीम इंडिया के लिए डेब्यू कर लिया था. लेकिन खराब विकेटकीपिंग की वजह से पटेल को 2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नागपुर टेस्ट से बाहर कर दिया गया. पटेल ने बताया कि टीम से निकाले जाने के बाद उनका आत्मविश्वास पूरी तरह से खत्म हो गया था.


आकाश चोपड़ा के साथ बात करते हुए पटेल ने कहा, ''टीम से बाहर होने के बाद मैं डर गया था. मुझे गेंद का सामना करने से डर लगता था. मुझे लगने लगा था कि मैं गेंद को कैच ही नहीं कर सकता. फिर मैंने अंडर 16 के खिलाड़ियों के साथ खेलना शुरू किया.''


टेनिस बॉल से भी लगने लगा था डर


पार्थिव पटेल ने आगे कहा, ''मैंने आत्मविश्वास हासिल करने के लिए यह सब किया. मेरे बारे में बहुत कुछ लिखा जा रहा था. मैंने वह सब पढ़ा. वो बातें दिमाग में घर कर गई थी. जूनियर खिलाड़ियों के साथ इसलिए खेलने लगा कि जान पाऊं मैं खेल सकता हूं या नहीं. मुझे टेनिस बॉल को पकड़ने से भी डर लगने लगा. धीरे-धीरे मैंने वापसी की. फिर मैंने फैसला किया कि मैं अलग तरीके से इंटरनेशनल क्रिकेट खेलूंगा.''


पार्थिव पटेल आईपीएल में विराट की अगुवाई वाली रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का हिस्सा है. हालांकि अब पार्थिव पटेल 35 साल के हो चुके हैं और उनके इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी के आसार नज़र नहीं आते. पटेल ने टीम इंडिया के लिए 25 टेस्ट खेलते हुए 934 रन बनाए. पटेल ने 38 वनडे और 2 ट्वेंटी-ट्वेंटी मैच भी खेले हैं.


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