महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) को लंबित भुगतान और लीज को आगे बढ़ाने के लिए 120 करोड़ रुपये देने को कहा है. ऐसा नहीं करने पर सरकार ने दक्षिण मुंबई में प्रतिष्ठित वानखेड़े स्टेडियम के परिसर को खाली करने को कहा है.


यह नोटिस मुंबई शहर के कलेक्टर शिवाजी जोंधाले ने 16 अप्रैल को जारी किया और इसमें कहा गया है कि अगर एमसीए अधिकारी उचित दस्तावेजों के साथ तीन मई को सुनवाई के लिए आने में नाकाम रहे जो स्टेडियम को कब्जे में लेने की कार्रवाई शुरू की जाएगी.


जोंधाले ने कहा, ‘‘एमसीए ने लीज बढ़ाने के लिए आवेदन किया तब लंबित भुगतान का पता चला. उसकी प्रतिष्ठा को देखते हुए यह संघ के लिए मामूली रकम है. कोई अंतरिम बैठक नहीं होगी और ना ही क्रिकेट संस्था को और समय दिया जाएगा. तीन मई को बैठक के बाद ही भविष्य की कार्रवाई पर फैसला किया जाएगा.’’


बार-बार प्रयास करने के बावजूद एमसीए की तदर्थ समिति के सदस्य प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध नहीं थे.


वानखेड़े स्टेडियम की 43977.93 वर्ग मीटर जमीन को राज्य सरकार ने 50 साल के लिए एमसीए को लीज पर दिया था जो पिछले साल फरवरी में खत्म हुई.


यह स्टेडियम 1975 में बनाया था और 2011 विश्व कप से पहले इसका नवीनीकरण किया गया.


इस स्टेडियम में कई यागदार मैचों का आयोजन किया गया और इसमें 2011 विश्व कप फाइनल भी शामिल है जिसमें भारत ने श्रीलंका को हराकर खिताब जीता था. इस स्टेडियम में 33000 दर्शक आ सकते हैं और यह मुंबई की रणजी टीम और आईपीएल फ्रेंचाइजी मुंबई इंडियन्स का घरेलू मैदान पर है.


इसी स्टेडियम के अंदर भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) का मुख्यालय भी है.