पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबानी हासिल करने के लिए नया तरीका अपनाने की कोशिशों में लगा है. आईसीसी टूर्नामेंट्स की संयुक्त मेजबानी के लिए पाकिस्तान संयुक्त अरब अमीरात से बात कर रहा है. पीसीबी की कोशिश है कि 2023 से 2031 के बीच होने वाले आईसीसी टूर्नामेंट्स के लिये वह और यूएई संयुक्त मेजबानी के लिये दावा करें. पीसीबी को इनमें से एक या दो टूर्नामेंट्स की मेजबानी मिलने की भी उम्मीद है.


पीसीबी चेयरमैन एहसान मनी ने कहा, ''हमने पांच से छह प्रतियोगिताओं की मेजबानी में दिलचस्पी दिखायी है. सच कहूं तो संभावना है कि हमें एक या दो से ज्यादा नहीं मिलें. लेकिन हमने इसके लिये एक अन्य देश के साथ संयुक्त रूप से बोली लगाने के बारे में सोचा है.''


2011 में छिन गई थी मेजबानी


उन्होंने कहा, ''मैंने एमिरेट्स क्रिकेट बोर्ड के साथ बात शुरू कर दी है क्योंकि एक साथ बोली लगाने से मेजबानी का मौका बढ़ जायेगा लेकिन इसके लिये सहयोग की जरूरत है. कुछ प्रतियोगिताएं हैं जिनमें 16 मैच होंगे जबकि कुछ टूर्नामेंट में 30 से 40 मैच होने हैं. हमें जिस तरह के टूर्नामेंट की भी मेजबानी मिले हम मैचों को अपने आपस में बांट सकते हैं.''


मनी का मानना है कि पाकिस्तान में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए आईसीसी टूर्नामेंट्स की मेजबानी करने की जरूरत है. पाकिस्तान 1952 में आईसीसी का सदस्य बना था और उसने अब तक दो विश्व कप 1987 और 1996 की संयुक्त मेजबानी की है.


पाकिस्तान विश्व कप 2011 का भी संयुक्त मेजबान था, लेकिन लाहौर में 2009 में श्रीलंकाई टीम पर आतंकी हमले के बाद टीमों ने सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान जाने से इन्कार कर दिया था. बाद में भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका ने विश्व कप 2011 की संयुक्त मेजबानी की थी.


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